पटना। बिहार की राजनीतिक धरती पर रविवार का दिन ऐतिहासिक बन गया। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित की गई। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राहुल गांधी इस बैठक के लिए अकेले ही पटना पहुंचे, उनके साथ सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद नहीं रहीं। इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला।

भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आर्थिक और विदेश नीति के मोर्चे पर पूरी तरह विफल करार दिया और कहा कि “आज देश की स्थिति बेहद नाजुक है, जनता की क्रय शक्ति समाप्त हो चुकी है और पड़ोसी देशों का झुकाव चीन की ओर बढ़ गया है।”

भूपेश बघेल ने बताया कि मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने उद्घाटन संबोधन में बैठक को “देश की दूसरी आज़ादी का दिन” करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 2017 में आधी रात को नोटबंदी की घोषणा की गई थी और गरीबों, किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और उद्योगपतियों के हालात सुधारने का दावा किया गया था, उसी तरह आज भी केंद्र सरकार केवल वादों और उत्सवों में जनता को उलझा रही है।

बघेल ने आरोप लगाया कि पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक वसूले हैं, लेकिन आम जनता की हालत लगातार बिगड़ती गई है। उन्होंने कहा, “जब लोगों के पास क्रय शक्ति ही नहीं है तो सरकार किस बात का उत्सव मना रही है?”

पड़ोसी देशों और विदेश नीति पर निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री ने विदेश नीति के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों का झुकाव अब चीन की ओर है। उन्होंने डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जब चीन की घुसपैठ का मुद्दा राहुल गांधी ने उठाया, तो प्रधानमंत्री ने इसे नकार दिया।

उन्होंने बांग्लादेश और नेपाल की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लोकतंत्र के चार स्तंभ न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया पूरी तरह कमजोर हो चुके हैं।

अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर भी बघेल ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा कि “सीजफायर मैंने कराया”, जो केवल प्रधानमंत्री मोदी का नहीं, बल्कि भारत का अपमान है। इसके अलावा एच-1बी वीज़ा पर नए टैक्स बोझ से लाखों भारतीयों की नौकरी पर संकट आ गया है।

“डबल इंजन की सरकार का पिस्टन खराब”

बिहार की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए बघेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार अब कमजोर हो चुकी है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “इसका रिंग पिस्टन खराब हो गया है और अब केवल धुआं छोड़ रहा है।” उन्होंने याद दिलाया कि कभी बिहार से 33% चीनी की आपूर्ति होती थी, जो आज घटकर महज 3% रह गई है। राज्य में बेरोजगारी दर भी लगातार बढ़ रही है।

राहुल गांधी की भूमिका और जातिगत जनगणना का मुद्दा

बघेल ने बताया कि खरगे ने अपने संबोधन में राहुल गांधी की “न्याय योद्धा” के रूप में सराहना की। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग पर राहुल गांधी लगातार अडिग रहे, जिसके कारण केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना केवल औपचारिकता न होकर विपक्षी दलों की मांग के अनुरूप होनी चाहिए।

संवैधानिक संस्थाओं पर हमले का आरोप

बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज उसकी भूमिका “सरकार या भाजपा के प्रतिनिधि” जैसी हो गई है।

बघेल ने कहा कि सदाकत आश्रम से आजादी की लड़ाई की कई बड़ी शुरुआतें हुई थीं और अब इस धरती पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा, “यह केवल कांग्रेस का नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प है।”

बघेल ने बताया क्यों नहीं आईं सोनिया गांधी?

सोनिया गांधी के नहीं आने के सवाल पर बघेल ने मल्लिकार्जुन खरगे के हवाले से कहा कि वह आना चाहती थीं, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह नहीं आ पाईं। मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कमेटी की बैठक है। जब इंडिया गठबंधन की बैठक होगी तब मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर बात होगी।

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