केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ. इस दौरान चार लोगों की मौत हुई जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस हिंसा के बाद 15 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. सोनम ने इस हिंसा को लेकर कहा कि यह अप्रत्याशित था, वहीं गृह मंत्रालय ने लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. यही वजह है कि, अब उनकी फरवरी की पाकिस्तान यात्रा पर सवाल उठने लगे हैं. सोनम वांगचुक इस साल छह फरवरी को पाकिस्तान गए थे. लेकिन लेह में बुधवार को हुई हिंसा के बाद उनकी इस पुरानी यात्रा को लोग शक की नजरों से देखने लगे. इस पर सवाल उठ रहे हैं, जिस पर सोनम वांगचुक ने बकायदा वीडियो बनाकर स्पष्टीकरण भी दिया था.
Breath Pakistan क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में शिरकत की थी
वांगचुक ने छह फरवरी को इस्लामाबाद में Breath Pakistan क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में शिरकत की थी. इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन डॉन मीडिया की ओर से किया गया था. उन्होंने इस दौरान ग्लेशियल मेल्ट: अ सस्टेनेबल स्ट्रैटेजी फॉर द वॉटर टावर्स ऑफ साउथ एशिया विषय पर पैनल चर्चा में हिस्सा लिया था. उन्होंने इस दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी. वांगचुक ने बकायदा सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि हां, मैं इस्लामाबाद में हूं. और हां, मैंने मिशन लाइफ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की. जल और वायु प्रदूषण और उत्सर्जन की कोई सीमा नहीं होती. हमारे प्रयासों की भी सीमा नहीं होनी चाहिए और अच्छे प्रयासो की सराहा की जानी चाहिए.
सभा में की थी पीएम मोदी की तारीफ़
वांगचुक ने उस समय अपने पाकिस्तान दौरे पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि पर्यावरण की कोई सीमा नही होती. इससे पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचता है. पर्यावरण को लेकर कोशिशें सीमाओं में बंधी नहीं रह सकती. मैंने यहां आकर पीएम मोदी की पहल को इसलिए सराहा क्योंकि अच्छे प्रयासों को सराहा जाना चाहिए. ऐसे समय में जब दुनिया के कई बड़े नेता क्लाइमेट चेंज को लेकर अपना मुंह फेर रहे हैं. ऐसे समय में पीएम मोदी ने मिशन लाइफ जैसी पहल शुरू की है. तो उसकी तारीफ की जानी चाहिए. मुझे इसमें कोई हैरानी की बात नहीं लगती. जो कुछ अच्छा लगे, उसकी तारीफ की जानी चाहिए. हमें सरहदों के परे जाकर काम करना चाहिए.
सीबीआई ने शुरू की NGO की जांच
वहीं दूसरी तरफ CBI सोनम वांगचुक और उनकी संस्था के खिलाफ विदेश से मिली फंडिंग की जांच कर रही है. ये जांच पिछले 2 महीने से चल रही है. सोनम के NGO पर अवैध तरीके से विदेश फंडिंग लेने का आरोप है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, विदेशी फंडिंग को लेकर पिछले 2 महीने से उनके खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन अभी केस दर्ज नहीं हुआ है.
एनजीओ का जमीन आवंटन रद्द
वांगचुक को सरकार ने लद्दाख हिंसा के जिम्मेदार ठहराया है. सीबीआई ने सोनम वांगचुक की NGO हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग (HIAL) के खिलाफ कथित FCRA उल्लंघन की जांच शुरू की थी. अगस्त में लद्दाख प्रशासन ने HIAL की जमीन आवंटन रद्द किया था. प्रशासन ने दावा किया था कि, जमीन का उपयोग आवंटन उद्देश्य के लिए नहीं हुआ और कोई लीज़ एग्रीमेंट भी नहीं हुआ.
हिंसा पर युवाओें से की थी शांति की अपील
इससे पहले लेह प्रदर्शन में हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने अपना अनशन समाप्त कर दिया था. उन्होंने कहा कि यह लद्दाख के लिए दुख का दिन है. हम पांच साल से शांति के रास्ते पर चल रहे थे. अनशन किया, लेह से दिल्ली तक पैदल चलकर गए. आज हम शांति के पैगाम को असफल होते हुए देख रहे हैं. हिंसा, गोलीबारी और आगजनी हो रही है. मैं लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि इस बेवकूफी को बंद करें. हम अपना अनशन तोड़ रहे हैं, प्रदर्शन रोक रहे हैं. बता दें कि लेह में भड़की हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि वांगचुक ने 24 सिंतबर को लेह में हिंसा भड़काई थी.
क्यों हुई लद्दाख में हिंसा
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को बंद के आह्वान पर लेह शहर में बाजार दुकानें बंद रहीं. बड़ी संख्या में लोग एनडीएस स्मारक मैदान में इकट्ठा हो गए. बाद में छठी अनुसूची और राज्य के समर्थन में नारे लगाते हुए शहर की सड़कों पर मार्च निकाला. स्थिति तब बिगड़ गई, जब कुछ लोगों ने भाजपा और हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव कर दिया. कार्यालय परिसर और एक इमारत में मौजूद फर्नीचर और कागजात में आग लगा दी. एक ग्रुप ने कई वाहनों को भी फूंक दिया. हालात काबू करने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. गोलीबारी भी करनी पड़ी. कई घंटों की भीषण झड़प के बाद स्थिति काबू में आई. सोनम वांगचुक ने लेह हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए इसके लिए युवाओं में पनप रही हताशा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हिंसक विरोध का संभवतः यही तात्कालिक कारण था.
50 से अधिक गिरफ्तार
लेह पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर एक्शन लिया है और 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि मामले में जांच चल रही है. दोषियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जाएगा. इससे पहले बुधवार दोपहर उग्र प्रदर्शनकारियों ने लेह में राजनीतिक दल के कार्यालय और सरकारी इमारतों में आग लगा दी. पुलिस वाहनों को फूंक दिया और सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया. घायलों में 40 पुलिस और सीआरपीएफ जवान भी शामिल हैं. फिलहाल, लेह में कर्फ्यू जारी है. प्रशासन की ओर से सख्त निषेधाज्ञा लागू की गई है. लोगों से शांति बहाल करने की अपील की जा रही है. शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ की भारी तैनाती है.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक