वीरेंद्र कुमार/नालंदा। बिहारशरीफ के सर्किट हाउस में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक के जरिए नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आगामी विधानसभा चुनावों में सातों सीटों पर ताल ठोकने का ऐलान कर दिया। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शंकर दास उर्फ सुरेन दास और कोनंद के पूर्व मुखिया ने की जिसमें बसपा के केंद्रीय नेता डॉ. लाल जी वेदांकर और उमाशंकर गौतम भी शामिल रहे।

शराबबंदी ने खोले अवैध कारोबार के रास्ते

बसपा नेताओं ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि शराबबंदी कानून पूरी तरह विफल रहा है और यह सिर्फ सरकारी पिछलगुओं के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने का जरिया बन गया है। उन्होंने दावा किया कि बसपा की सरकार बनने के 6 महीने के भीतर जनता को असली बदलाव दिखाई देगा।

क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले नेताओं पर कड़ी शर्त

बैठक में यह भी साफ कर दिया गया कि पार्टी में किसी भी आपराधिक छवि वाले नेता की कोई जगह नहीं होगी। ऐसे उम्मीदवारों को टिकट तभी मिलेगा जब वे 15 लाख रुपये की सुरक्षित राशि पार्टी के पास जमा करेंगे। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि यह कदम राजनीति को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी है।

जीविका योजना के जरिए वोट बैंक की सियासत का आरोप

बसपा नेताओं ने जीविका योजना पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इसका इस्तेमाल गरीबों की भलाई के नाम पर वोट बैंक तैयार करने और वोट चोरी करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सीट जीतने का नहीं बल्कि सत्ता पलटने का आंदोलन होगा।

जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में जोश

बैठक में बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एकलव्य गौड़, जिला महासचिव बलराम दास, उमेश पंडित सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। चुनावी रणनीति पर मंथन हुआ और तय किया गया कि बसपा आने वाले दिनों में जनसभाओं और जनसंपर्क अभियानों के जरिए जनता के बीच जाकर सरकार की असफलताओं को उजागर करेगी।

अब चुप नहीं बैठेगी बसपा

केंद्रीय नेताओं ने दो टूक कहा कि बसपा अब चुप बैठने वाली नहीं है। यह चुनाव बिहार में नई राजनीति की शुरुआत का संकेत होगा और जनता को एक सशक्त विकल्प देने का मौका भी।