Bihar Dandiya: नवरात्र के पावन दिनों में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का डांडिया उत्सव भोजपुरी और अश्लील गानों को लेकर विवादों में घिर गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने जब ‘लिपस्टिक’ और ‘चोली’ जैसे गानों पर थिरकना शुरू किया, तो पूरा माहौल बिगड़ गया। इस पर पूर्व छात्र नेताओं और शिक्षाविदों ने कड़ी नाराजगी जताई है।
एनएसआईटी (NSIT) के पूर्व महासचिव अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि, डांडिया उत्सव का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देना है। लेकिन इस तरह के गीत न केवल आयोजन की गरिमा को धूमिल करते हैं बल्कि विश्वविद्यालय की छवि पर भी धब्बा लगाते हैं। शिक्षा के मंदिर में अशोभनीय गतिविधियां स्वीकार्य नहीं हैं।”
पूर्व छात्र नेताओं का कहना है कि, डांडिया नृत्य देवी की आराधना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। नवरात्र में यह उत्सव परंपरा और मर्यादा का परिचायक माना जाता है। ऐसे में आयोजकों का कर्तव्य है कि वे सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रखें।
वहीं, छात्रों और शिक्षाविदों ने यह भी राय दी कि आयोजनों में परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन होना चाहिए। उनका कहना है कि, कार्यक्रम का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि शिक्षा और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देना होना चाहिए। अगर आयोजक इस मर्यादा का ध्यान नहीं रखेंगे, तो आने वाले वर्षों में ऐसे आयोजन विवादों का कारण बन सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने विश्वविद्यालय परिसर में सांस्कृतिक आयोजनों की दिशा और सोच पर बड़ी बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि डांडिया जैसे पावन उत्सव में ‘फिल्मी आइटम सॉन्ग्स’ की घुसपैठ कहीं परंपरा को कमजोर तो नहीं कर रही?
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए किल्क करें