पटना। बिहार की राजनीति में लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान अब सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। दरभंगा में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा। संजय सरावगी ने कहा कि जिस परिवार में बहन की किडनी देने के बावजूद मुखिया जिन्दा हैं, उसी घर की दूसरी बहन को सम्मान तक नहीं मिल रहा, बल्कि अपमान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने तंज कसा कि ऐसे लोग बिहार में महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की बात करते हैं, जबकि घर की स्थिति सबके सामने है।
फर्जी योजना से महिलाओं को गुमराह
मंत्री सरावगी ने विपक्ष की ओर से चलाए जा रहे ‘माई-बहन योजना’ पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी योजना कैबिनेट की मंजूरी और बजट पास होने के बाद लागू होती है। लेकिन यह कैसी योजना है जिसमें सरकार बनने से पहले ही महिलाओं से आधार और बैंक डिटेल के साथ फॉर्म भरवाए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है। महागठबंधन की सरकार बनने वाली नहीं है, ऐसे में महिलाओं के डेटा इकट्ठा कर बाद में साइबर फ्रॉड से उनके खातों से पैसे निकाले जा सकते हैं।
लालू परिवार की अंदरूनी कलह
गौरतलब है कि इस समय लालू परिवार में वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ चुकी है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए आरजेडी से निष्कासित किया जा चुका है। वहीं उनकी बहन रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट और वीडियो के जरिए इशारों-इशारों में तेजस्वी यादव और उनके करीबियों पर निशाना साधती रहती हैं। तेजस्वी यादव एक ओर एनडीए के खिलाफ चुनावी जंग लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार के भीतर उठ रहे सवालों और कटाक्षों का सामना भी कर रहे हैं।
एनडीए नेताओं का बढ़ता हमला
लालू परिवार की इस कलह का फायदा एनडीए के नेता लगातार उठा रहे हैं। संजय सरावगी ने कहा कि जिनके अपने घर की सच्चाई इतनी बिखरी हुई है वे राज्य की महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा की बात करने का कोई हक नहीं रखते।
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