2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पुरोहित को उनकी पदोन्नति पर बधाई दी है और उन्हें देशभक्त बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कर्नल पुरोहित को वर्दी में वापस आने पर बधाई। सरकार उन देशभक्तों के साथ दृढ़ता से खड़ी है जो साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा करते हैं।”
बता दें कि पुरोहित उन सात आरोपियों में शामिल थे, जिन्हें 31 जुलाई को एनआईए की विशेष अदालत ने बरी कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सिर्फ शक को सबूत का स्थान नहीं दिया जा सकता और अभियोजन पक्ष पर्याप्त और ठोस सबूत पेश करने में नाकाम रहा। वहीं, पुरोहित का कहना रहा कि वे मिलिट्री इंटेलिजेंस के अफसर थे और आतंकवादी संगठनों में घुसपैठ कर अपनी रिपोर्ट ऊपरी अधिकारियों को भेज रहे थे. उनकी कानूनी टीम ने गवाहों के बयानों में विरोधाभास और जांच प्रक्रिया में गड़बड़ी की ओर भी इशारा किया.
क्या है मालेगांव ब्लास्ट
29 सितंबर 2008 को मालेगांव ब्लास्ट हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. विस्फोट एक मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिल में लगाए गए बम से हुआ था. पुरोहित की गिरफ्तारी उस समय सुर्खियों में आई थी क्योंकि यह पहली बार था जब किसी सेवारत आर्मी अफसर पर आतंकी मामले में कार्रवाई की गई थी. ये केस करीब 17 साल तक चला है और इस बीच पुरोहित करीब 9 साल तक जेल में रहे.
मैं भारतीय सेना का आभारी हूं
बरी होने के बाद पुरोहित ने कहा था, मुझ पर आरोप लगाए गए और फिर मैं निर्दोष साबित हुआ. अब अतीत को पीछे छोड़ना चाहिए. मैं भारतीय सेना का आभारी हूं, जिसने हमेशा अपने सैनिकों का साथ दिया. मेरी कानूनी टीम ने नि:शुल्क मेरा केस लड़ा, मैं उनका सदैव ऋणी रहूंगा।
सरकारी पक्ष आरोप नहीं कर सका साबित
31 जुलाई 2025 को विशेष एनआईए अदालत ने पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को बरी कर दिया. कोर्ट ने यह तर्क दिया कि सरकारी पक्ष ने विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं पेश किए; केवल संदेह ही आधार नहीं बन सकता. कोर्ट ने यह भी पाया कि पुरोहित पर RDX (विस्फोटक सामग्री) रखने का आरोप साबित नहीं हो पाया.
मेजर जनरल पद तक पहुंच सकते थे पुरोहित
सूत्रों के अनुसार यदि उनकी सेवा बाधित न हुई होती, तो वे अब तक मेजर जनरल पद तक पहुंच सकते थे लेकिन चूंकि वे मार्च 2026 में रिटायर होने वाले हैं, इसलिए यह पदोन्नति उनकी अंतिम उच्च पदावली में से एक मानी जा रही है. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनकी फोटो एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्हें बधाई दी. कर्नल पुरोहित को वर्दी में वापस आने पर बधाई दी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार उन देशभक्तों के साथ दृढ़ता से खड़ी है जो साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा करते हैं.
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