CG News : आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. नारायणपुर के अबूझमाड़ जंगल में 22 सितंबर को हुई मुठभेड़ को लेकर नक्सलियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. माओवादी संगठन के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के विकल्प की ओर से जारी पर्चे में कहा गया है कि यह मुठभेड़ फर्जी है और उनके दो सेंट्रल कमेटी सदस्य कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू दादा और कडरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा दादा की हत्या गिरफ्तारी के बाद की गई.

जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे गए कोसा दादा का शव उनके परिजन तेलंगाना ले गए, लेकिन सेंट्रल कमेटी के नक्सली राजू दादा के शव को उनकी पत्नी ने लेने से इनकार कर दिया. नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि रामचंद्र रेड्डी को पहले रायपुर से गिरफ्तार कर नारायणपुर लाया गया और फिर हत्या की गई. इस मामले में मृत नक्सलियों के परिजन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की है. साथ ही पर्चे में पुलिस पर झूठी कहानी गढ़ने और सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया है. 

आत्मसमर्पित नक्सली दे रहे खुफिया जानकारी 

नक्सलियों ने स्वीकारा कि सरेंडर कर रहे नक्सलियों से ही पुलिस को खुफिया जानकारी मिल रही है, इसके अलावा पर्चे में जिक्र किया गया है कि राम चंद्र रेड्डी को 10 साल पहले ही जंगल छोड़ दूसरी जिम्मेदारी दी गई थी, उनके साथ गए कोरियर से पुलिस रामचंद्र रेड्डी के पास तक पहुंची.

बता दें कि अबूझमाड़ में माओवादी गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. 22 सितंबर की सुबह से मुठभेड़ शुरू हुई और दिनभर चलने वाले संघर्ष में माओवादी कैडर मारे गए. राजू दादा (63 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) और कोसा दादा (67 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे. उनकी गतिविधियों में सुरक्षा बलों और नागरिकों के कई हताहत होने की घटनाएं शामिल हैं. मुठभेड़ स्थल की तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई. यह जानकारी नारायणपुर एसपी रॉबिन्सन ने दी थी.