प्रतीक चौहान. रायपुर.  शंकर नगर स्थित वरदान हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में एजेंट (दलाल ने) हाथ-पैर दर्द वाले मरीजों को भर्ती कराया है, यहां आईसीयू लिखे जनरल वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया है. लेकिन उनके भर्ती के संबंध में जब लल्लूराम ने सवाल पूछा तो अस्पताल प्रबंधन ने अनरगल आरोप लगाए और कैमरा तोड़ने की कोशिश की.

अस्पताल में न केवल लल्लूराम डॉट कॉम का कैमरा तोड़ने की कोशिश अस्पताल प्रबंधन से जुड़े स्टॉफ लोगों ने किया, बल्कि टीम पर वसूली करने का आरोप ऑन कैमरा लगाया. जिसके बाद लल्लूराम की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल पहुंची और उन्होंने अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए.

 हुआ कुछ यूं कि लल्लूराम डॉट कॉम को सूचना मिली थी कि अस्पताल में ओडिशा से बड़ी संख्या में बस से मरीजों को लाया गया है और उन्हें भर्ती किया गया है, लेकिन उन्हें देखने से ऐसा नहीं लग रहा है कि उन्हें भर्ती कराए जाने की जरूरत है. इन आरोपों की सत्यता जानने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम की टीम अस्पताल पहुंची.

अस्पताल पहुंचे के बाद स्टॉफ ने टीम से मरीज का नाम पूछा, चूंकि टीम को मरीजों के नाम नहीं पता था इसलिए उन्हें ये बताया कि ऐसी शिकायतें मिली है और इसकी सत्यता जानने के लिए हम यहां पहुंचे है. जिसके बाद वहां मौजूद 4-5 स्टॉफ भड़क गए और उन्होंने कैमरा तोड़ने की कोशिश की. थोड़ी देर बाद वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंची और इसके बाद लल्लूराम की टीम बिना कैमरे के अस्पताल के अंदर पहुंची.

अस्पताल के अंदर आईसीयू लिखे वार्ड में मरीज भर्ती थे, चूंकि मरीज ओडिशा से थे इसलिए उनसे हिंदी में बातचीत करने में परेशानी हुई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ओडिया जानने वाले ट्रांस्लेटर को बुलाया और मरीजों से बातचीत की.

8-10 मरीजों से बातचीत करने के बाद ये पता चला कि सभी मरीज हाथ-पैर दर्द और अनइजी लगने की शिकायत है, लेकिन अस्पताल में जो रिकार्ड बनाए गए थे उसमें सभी भी मरीजों को उल्टी-दस्त और कमजोरी की शिकायत के बाद भर्ती कराना बताया गया था.

मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया कि वो पहली बार रायपुर आए हैं और उन्हें यहां गांव का परिचित एजेंट लेकर आया है. सभी मरीजों ने अस्पताल में 3-4 दिनों से होना बताया औऱ यहां आयुष्मान कार्ड से इलाज करना बताया.

मरीजों से बातचीत करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां से कई दस्तावेज भी लिए, जिसे वे अपने साथ ले गए. इस पूरी घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने स्टॉफ द्वारा किए गए इस कृत के लिए माफी मांगी और अपना पक्ष रखा.

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