अनूप दुबे, कटनी। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जहां लेखपाल के पद पर कार्यरत एक बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ। यह रिश्वत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर मांगी गई थी। वहीं तहसीलदार ने नोटिस जारी कर दो दिन के अंदर जवाब मांगा है।
दरअसल, आवेदक सागर शुक्ला ने बताया कि वह 24 सितंबर को EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने तहसील कार्यालय गया था। वहीं पर लेखपाल के पद पर पदस्थ प्रमोद चम्पुरिया ने प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 1500 रुपये की रिश्वत मांगी। सागर ने बताया कि उस समय उनके पास पूरी रकम नहीं थी, जिसके कारण उन्होंने प्रमोद चम्पुरिया को सिर्फ 100 रुपये ही दिए और इस पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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भ्रष्टाचार चरम पर होने का आरोप
सागर शुक्ला ने लेखपाल प्रमोद चम्पुरिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि ढीमरखेड़ा तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाबू चम्पुरिया ने इससे पहले भी कई अन्य आवेदकों से EWS प्रमाण पत्र बनाने के लिए रिश्वत ली है। सागर शुक्ला के अनुसार, सुनील गर्ग, अखिलेश दुबे, शिवकुमार दुबे और श्रद्धा शुक्ला जैसे लोगों से भी रिश्वत लेकर उनके EWS प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
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इस संबंध में लेखपाल प्रमोद चम्पूरिया का कहना है कि हमने किसी से पैसे नहीं लिए है। यह आरोप निराधार है, वीडियो भी फर्जी हैं। वहीं तहसीलदार नितिन पटेल ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। लेखपाल बाबू को नोटिस जारी कर दो दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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