पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। राजकीय पशु वन भैसा के संरक्षण और संवर्धन के साथ आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विजयादशमी के अवसर पर सीएम निवास में विशेष डाक लिफाफा का विमोचन किया. इस विशेष डाक लिफाफे के माध्यम से छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैसा की जानकारी पूरे देश में जाएगी.

विशेष डाक आवरण के लिए मुख्यमंत्री ने वनभैसों के सरंक्षण व संवर्धन पर कार्य कर रही राष्ट्रीय संस्था वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की सरहाना की. इस अवसर पर छत्तीसगढ सरकार के वन मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य संरक्षक वन्य प्राणी अतुल शुक्ल, मुख्य वन संरक्षक एसडी बइगैया, एचएल रात्रेे, पोस्टल विभाग के महावर एवं वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख डाॅ आरपी मिश्रा उपस्थित थे.

भारतीय डाक विभाग के छत्तीसगढ प्ररिमंडल और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ने लुप्त होते वन्य प्राणियो की सूची तैयार की है, उसमें वन भैसा को भी शामिल किया है. वन्य जीव सप्ताह के दौरान वन भैसा के सरंक्षण और संवर्धन के लिए डाक टिकट जारी किया गया है. उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के उदंती अभयारण्य मे मात्र 10 वन भैसा बचे हैं, और वन विभाग द्वारा पिछले 14 वर्षो से वनभैसा के संख्या बढाने के लिए अभयारण्य में रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कर सरंक्षण एंव सवर्धन किया जा रहा है. पिछले तीन माह के भीतर उदंती अभयारण्य में दो मादा वनभैसोें ने दो नर बच्चों को जन्म दिया है.

वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख डाॅक्टर आर पी मिश्रा ने बताया वन भैसा, भारत में हाथी एंव गेंडा के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्थलीय जीव है. यह दुनिया के सबसे बड़े सीेगों वाला वन्य प्राणी है. यह दुर्लभ वन्य प्राणी आईयूसीएन की रेड बुक में शामिल है, तथा इसे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची एक में रखा गया है. उतरपूर्व में पाये जाने वाला वन भैसा का रहवास दलदलीय है जब कि छत्तीसगढ मे इसका रहवास कड़ी भूमि है.

छत्तीसगढ में वन भैसा उदंती, सीतानदी एंव इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में पाया जाते हैं. वर्ष 2001 मे राज्य निर्माण के बाद वनभैसा को छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु घोषित किया गया है. मिश्रा ने आगे बताया कि हमे गर्व है कि यह दुर्लभ वन्य प्राणी हमारा राजकीय पशु है, और इसके सरंक्षण एंव सवर्धन के लिए हम कटिबद्ध हैं. वन भैसों की औसत उर्म 18-20 तक होती है, इसका वजन 800 से 1200 किलोग्राम तक होता है, वन भैसा झुण्ड में रहना पंसद करते है, जिसका नेतृत्व झुण्ड के प्रमुख मादा वन भैसा करती है.