रायपुर. नवरात्रि के अवसर पर केंद्रीय जेल रायपुर का माहौल भक्ति, श्रद्धा और उत्साह से सराबोर है. जेल परिसर में मां दुर्गा की उपासना का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहां 802 कैदियों ने व्रत रखा है और पूजा-अर्चना के साथ इस पर्व को उत्सव के रूप में मना रहे हैं. जेल के भीतर मिट्टी से बनी मां दुर्गा की तीन भव्य प्रतिमाएं इस उत्सव की शोभा बढ़ा रही है.

जेल के मूर्तिकार बंदियों ने अपनी कला का कमाल दिखाते हुए मिट्टी से मां दुर्गा की तीन खूबसूरत प्रतिमाएं तैयार की है. इनमें से एक प्रतिमा महिला प्रकोष्ठ में और दो प्रतिमाएं पुरुष प्रकोष्ठ में स्थापित की गई है. पूजा पंडाल को फूलों, रंगोली और दीपों से सजाया गया है, जो जेल परिसर को मंदिर जैसा आध्यात्मिक रूप दे रहा है.

जेल प्रशासन ने की है पूजन सामग्री और फलाहार की विशेष व्यवस्था

मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और संकल्प के साथ 802 बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है. महिला प्रकोष्ठ की 31 बंदियों ने तीन दिन का और 49 बंदियों ने नौ दिन का व्रत लिया है. वहीं पुरुष प्रकोष्ठ के 722 बंदियों ने भी नौ दिन का व्रत संकल्पपूर्वक शुरू किया है. जेल प्रशासन ने बंदियों की सुविधा के लिए पूजन सामग्री और फलाहार की विशेष व्यवस्था की है, जिसमें दूध, केला, फल्ली दाना और गुड़ शामिल हैं.

जेल परिसर में रोज हो रहा भजन-कीर्तन

जेल परिसर में प्रतिदिन मां दुर्गा की स्तुति में भजन-कीर्तन और दुर्गा सप्तसती का पाठ हो रहा है. साथ ही बंदियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जा रही है, जो इस धार्मिक आयोजन को और जीवंत बना रहा है. सामूहिक पूजा और भक्ति से जेल का माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता से भर गया है.

बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का संदेश

जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने इस आयोजन को लेकर कहा कि इस तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बंदियों को मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं. नवरात्रि का यह पर्व जेल में आस्था, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम बन गया है. रायपुर सेंट्रल जेल में नवरात्रि का यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का भी संदेश दे रहा है. मां दुर्गा की भक्ति में डूबकर बंदी न सिर्फ अपने मन को शांत कर रहे हैं, बल्कि एक नई शुरुआत की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं.