अमेरिका के न्यू जर्सी के गवर्नर और डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता फिल मर्फी ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों और वीजा मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में 50% टैरिफ विवाद का व्यावहारिक समाधान निकलेगा। साथ ही मर्फी ने संकेत दिए कि इस समझौते में तेल व्यापार से जुड़ा बड़ा मोलभाव भी शामिल हो सकता है।
छह दिवसीय भारत दौरे पर आए मर्फी ने मुंबई में एक इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, “सहयोगियों पर भारी शुल्क लगाना सही तरीका नहीं है। संभव है कि मौजूदा टैरिफ नीति में ढील दी जाए और इसका समाधान कम दंडात्मक हो।”
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी पहले कह चुके हैं कि आने वाले वर्षों में भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अमेरिका की अहम भूमिका होगी। अमेरिका फिलहाल भारत का पांचवां सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता और दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी सप्लायर है।
चीन और रूस पर बयान
मर्फी ने रूस पर ट्रंप के कड़े रुख का समर्थन करते हुए कहा कि रूस को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है, लेकिन सहयोगी देशों को दंडित करना गलत है। वहीं चीन को लेकर उन्होंने कहा कि “चीन को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जा सकता, उसे जवाबदेह ठहराना होगा।”
वीजा पॉलिसी पर चिंता
न्यू जर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय रहने के कारण मर्फी ने H-1B और छात्र वीजा नीतियों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हाल की वीजा नीतियां गलत दिशा में जा रही हैं, जिससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को नुकसान होगा। मर्फी ने सुझाव दिया कि अमेरिकी विश्वविद्यालय भारत में 1+3 और 2+2 मॉडल जैसे साझेदारी कार्यक्रम अपना सकते हैं।
रिश्ते अस्थायी तनाव में
भारत-अमेरिका संबंधों पर उन्होंने कहा, “यह तनाव लंबी अवधि की समस्या नहीं बल्कि एक अस्थायी दौर है। भरोसा बहाल करना आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि दोनों देशों के गहरे रिश्ते कायम रहेंगे।”
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