पटना। बिहार पुलिस के तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारियों में शुमार इंस्पेक्टर रूपक कुमार अंबुज का दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले महीने डेंगू संक्रमण की चपेट में आए थे, जिसके बाद उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे हाल ही में फतुहा थाना के प्रभारी पद से स्थानांतरित हुए थे। डेंगू के बढ़ते असर के कारण जब उनकी हालत नाजुक हो गई, तो डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें पटना से एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली ले जाया गया। गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज करीब एक महीने तक आईसीयू में चलता रहा। इस दौरान वे जीवन रक्षक प्रणाली पर थे, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

पुलिस महकमे में शोक की लहर

ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि बिहार पुलिस ने एक काबिल, ईमानदार और निष्ठावान अधिकारी को खो दिया है। रूपक अंबुज न केवल एक अच्छे इंस्पेक्टर थे, बल्कि आम जनता और विभाग के बीच एक मजबूत सेतु भी थे। उनकी बीमारी की गंभीरता को देखते हुए ही विभाग ने फतुहा थाना में नेतृत्व बदलाव किया था। इंस्पेक्टर सदानंद साह को नया थानाध्यक्ष बनाया गया, जबकि एसआई विनोद कुमार को अस्थायी रूप से सहायक प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

अंतिम विदाई में उमड़ा शोक

रूपक अंबुज के निधन की खबर फैलते ही बिहार पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। उनके सहयोगियों और अधीनस्थ कर्मचारियों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वे न केवल कर्तव्यनिष्ठ थे, बल्कि हर परिस्थिति में न्यायसंगत निर्णय लेने के लिए जाने जाते थे।

डेंगू से बढ़ती मौतें बनी चिंता का विषय

रूपक अंबुज की मृत्यु डेंगू जैसी बीमारी की गंभीरता को भी दर्शाती है। राज्य में लगातार बढ़ते डेंगू मामलों के बीच यह घटना आम लोगों और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि समय रहते बचाव और इलाज कितना जरूरी है।