BSNL 4G Launch: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का बहुप्रतीक्षित 4G नेटवर्क लॉन्च करेंगे. यह वही नेटवर्क है, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है. खास बात यह है कि इसे देशभर के 98,000 साइटों पर एक साथ रोलआउट किया जाएगा.
BSNL का दावा है कि इस लॉन्च के बाद भारत के हर कोने गांव से लेकर जंगल और पहाड़ी इलाकों तक तेज इंटरनेट पहुंच जाएगा. इस कदम के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अपनी खुद की टेलीकॉम तकनीक विकसित की है.
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कैसे बदलेगा डिजिटल नक्शा? (BSNL 4G Launch)
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस लॉन्च को “ऐतिहासिक” बताते हुए लिखा कि शनिवार को प्रधानमंत्री दो बड़े इनिशिएटिव्स की सौगात देंगे.
BSNL के इस 4G स्टैक की खासियत यह है कि यह सीधे 5G में अपग्रेड हो सकता है. यानी किसी बड़े हार्डवेयर बदलाव की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सिर्फ सॉफ्टवेयर अपडेट से यह 5G में कन्वर्ट हो जाएगा.
इसका सीधा मतलब है कि गांव-शहर में इंटरनेट की स्पीड और क्वालिटी एक समान मिलेगी. ‘डिजिटल भारत निधि’ के जरिए पहली बार देश के सबसे दूरस्थ इलाकों में भी आधुनिक नेटवर्क की पहुंच सुनिश्चित होगी.
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ग्राहक क्यों छोड़ रहे BSNL? (BSNL 4G Launch)
हालांकि, BSNL के लिए यह लॉन्च आसान सफर की शुरुआत नहीं है. टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के जुलाई 2025 के आंकड़े बताते हैं कि BSNL और MTNL लगातार सब्सक्राइबर खो रहे हैं. जुलाई में BSNL ने 1.01 लाख ग्राहक खो दिए. MTNL का भी सब्सक्राइबर बेस घटा. इसके विपरीत, जियो ने 4.83 लाख और एयरटेल ने 4.64 लाख नए ग्राहक जोड़े. वोडाफोन आइडिया (Vi) के 3.59 लाख ग्राहक घटे. नतीजा यह हुआ कि BSNL का मार्केट शेयर 8% से नीचे गिर गया.
पिछली गलतियों का हिसाब (BSNL 4G Launch)
BSNL की इस हालत के पीछे कई ऐतिहासिक चूकें हैं:
- साल 2000 में BSNL की शुरुआत हुई, लेकिन मोबाइल सर्विस लॉन्च करने में सरकार से मंजूरी नहीं मिली.
- 2006 से 2012 के बीच BSNL की ग्रोथ बेहद धीमी रही, जबकि निजी ऑपरेटरों ने रिकॉर्ड तोड़ विस्तार किया.
- 2010 में 3G स्पेक्ट्रम की नीलामी में BSNL को भाग लेने नहीं दिया गया.
- कंपनी को वायमैक्स तकनीक पर आधारित ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के लिए भारी रकम चुकानी पड़ी, जिससे आर्थिक स्थिति बिगड़ गई.
- लैंडलाइन कनेक्शन लगातार घटे. 2006-07 में 3.8 करोड़ से घटकर 2014-15 में 1.6 करोड़ रह गए.
- 4G स्पेक्ट्रम की नीलामी के वक्त भी BSNL बाहर रह गई.
इन सब वजहों से जब जियो और एयरटेल 5G सर्विस लॉन्च कर चुके थे, तब BSNL अभी भी 4G रोलआउट की तैयारी में अटकी रही.
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अब सवाल: क्या ये लॉन्च भरोसा दिला पाएगा? (BSNL 4G Launch)
BSNL का नया 4G लॉन्च एक तरफ जहां स्वदेशी तकनीक पर गर्व का मौका देता है, वहीं दूसरी तरफ यह सवाल भी खड़ा करता है, क्या यह कदम BSNL को दोबारा खड़ा कर पाएगा या फिर यह भी सरकारी वादों की फेहरिस्त का हिस्सा बनकर रह जाएगा?
PM मोदी पहले ही 6G नेटवर्क का रोडमैप जारी कर चुके हैं और लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में 6G शुरू हो जाए. ऐसे में जब प्राइवेट ऑपरेटर पहले से 5G पर काम कर रहे हैं, BSNL के लिए 4G का यह कदम शायद अस्तित्व बचाने की आखिरी कोशिश साबित हो.
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