रवि रायकवार, दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में स्थित पीतांबरा पीठ एक प्राचीन और सिद्ध शक्तिपीठ है, जिसकी स्थापना 1935 में परम कल्याण स्वरूप अनंत श्री विभूषित स्वामीजी महाराज ने की थी। यह पवित्र स्थल माँ बगलामुखी और माँ धूमावती को समर्पित है, जो तंत्र-मंत्र और गुप्त पूजा-अर्चना के लिए विख्यात हैं। माँ पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है, और यहाँ भक्त राजनीतिक विजय, शत्रुओं पर जीत और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
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पीठ का ऐतिहासिक महत्व भी अत्यंत विशेष है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान स्वामीजी महाराज के नेतृत्व में राष्ट्र रक्षा यज्ञ आयोजित किया गया, जिसमें देश भर से 75 विद्वान साधकों ने अनुष्ठान किया। पूर्णाहुति के समय ही चीन की सेना ने पीछे हटने की घोषणा की, जिसे माँ बगलामुखी और धूमावती के आह्वान का चमत्कार माना जाता है। इसी तरह, 1962 के भारत-पाक युद्ध में किए गए विशेष हवन ने भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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पीठ परिसर में महाभारत कालीन शिव मंदिर भी स्थित है, जहाँ जलाभिषेक का विशेष महत्व है। खासकर नवरात्रि के दौरान यहाँ राजनेताओं और भक्तों का तांता लगा रहता है। पीतांबरा पीठ न केवल आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक जीवंत प्रतीक भी है।
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