वीरेंद्र कुमार/ नालंदा। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। TRE-4 (BPSC) अभ्यर्थियों ने शनिवार को बिहार शरीफ के अस्पताल चौक पर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए साफ चेतावनी दी कि यदि पूरे 1.2 लाख शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जल्द जारी नहीं हुआ तो वे आगामी चुनाव में वोट बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने 2025 में 1,20,000 शिक्षण पदों पर नियुक्ति का वादा किया था। लेकिन हालिया घोषणा में सिर्फ 26,000 पदों का विज्ञापन जारी किया गया है। युवाओं ने इसे धोखा करार देते हुए कहा कि उनके वर्षों की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है।

बूथ पर हिसाब होगा की चेतावनी

अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अब वे सिर्फ धरना नहीं देंगे बल्कि राजनीतिक रूप से भी जवाब देंगे। उनका कहना है कि जो हमारी आवाज़ नहीं सुनेगा उसका हिसाब बूथ पर होगा। प्रदर्शनकारी नेताओं ने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। तय समय सीमा में निर्णय न होने पर वे रोड ब्लॉक्स और बड़े स्तर पर विरोध की योजना बनाएंगे।

सरकार की सफाई

वहीं शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस चरण में 26,000 पदों का विवरण BPSC को भेजा गया है। बाकी रिक्तियां आगे के चरणों में (TRE-5 आदि) शामिल होंगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया विषयवार और छात्रसंख्या के आधार पर तय की जाती है और सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतिबद्ध है।

बढ़ता जनआंदोलन

पिछले कुछ हफ्तों में पटना समेत कई जिलों में TRE-4 अभ्यर्थियों ने विरोध मार्च और धरना किया है। युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और पलायन से उनकी स्थिति खराब हो रही है। परिवारों पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है और अब उनकी आवाज़ को अनसुना करना सरकार के लिए राजनीतिक रूप से भारी पड़ सकता है।

आगे की रणनीति

बिहार शरीफ में जुटे अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार उनका सबसे बड़ा हथियार होगा। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और BPSC से विस्तृत रिक्तियों का ब्यौरा मांगा है।