देहरादून. उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव और अध्यक्ष राजस्व परिषद आनन्द बर्द्धन ने राजस्व परिषद सभागार में जिलाधिकारियों के साथ राजस्व वादों की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने कहा कि धारा 34 और 143 से सम्बन्धित एक वर्ष से अधिक समय से लम्बित वादों को अगले 3 माह में निपटारा कर लिया जाए. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को धारा 34 और 143 से सम्बन्धित वादों में गम्भीर अनियमितताओं पर तत्काल विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने विकासनगर के तहसील को वादों के निस्तारण में धीमी गति पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वादों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए.

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मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आरसीएमएस पोर्टल शीघ्र ही पूर्णतः संचालित होने लगेगा. इससे रजिस्ट्री होते ही तत्काल म्यूटेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो सकेगी. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को तहसील मुख्यालयों और एसडीएम कार्यालयों में भी ई-ऑफिस शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जहां नेटवर्क एवं हार्डवेयर की अनुपलब्धता है, वहां इसे शीघ्र उपलब्ध कराया जाए.

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मुख्य सचिव ने जनपदों में कार्मिकों के स्थानान्तरण हो जाने के बावजूद जनपदों से कार्यमुक्ति न दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि बैठक समाप्ति के तत्काल बाद सभी स्थानान्तरित कार्मिकों को कार्यमुक्त किया जाए और जनपदों द्वारा आज शाम तक कार्यमुक्ति से सम्बन्धित प्रमाण पत्र उपलब्ध करा कर अवगत कराया जाए. राजस्व वसूलियों से सम्बन्धित समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं. उन्होंने दोनों मण्डलों के आयुक्तों को भी अपनी मासिक बैठकों में राजस्व वादों एवं राजस्व वसूली से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने रेवेन्यू रियलाईजेशन कमेटी, वन, वाणिज्य, रजिस्ट्रेशन और आरसीएस से सम्बन्धित बैठकों को भी नियमित रूप से आयोजित किए जाने के निर्देश दिए.

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बैठक में मुख्य सचिव ने आपदा से क्षतिग्रस्त पटवारी चौकियों और तहसील भवनों का आंकलन शीघ्र भेजे जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रमोशन के पदों के लिए पात्र कार्मिकों की प्रमोशन की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए, ताकि पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार आदि के पदों को शीघ्र भरा जा सके और वादों के निस्तारण में तेजी आए. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सेवा का अधिकार के अंतर्गत समस्त प्रमाणपत्रों के निर्गत किए जाने की समय सीमा का उल्लेख सम्बन्धित कार्यालयों के सम्मुख अनिवार्य रूप से चस्पा किया जाए, ताकि आवेदकों को, उनके द्वारा आवेदित प्रमाण पत्र कब तक उपलब्ध हो जाएंगे, इसकी जानकारी मिल सके.