Surat News: सूरत. सूरत एयरपोर्ट के आसपास उड़ान के लिए बाधा बनी इमारतों के मामले में तीन साल तक कार्रवाई नहीं करने पर गुजरात मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर को समन जारी कर 15 अक्टूबर को सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. यह समन सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष संजय इझावा की शिकायत पर जारी किया गया. दरअसल, एयरपोर्ट अथॉरिटी और डीजीसीए ने वर्ष 2018 में सर्वे कर 41 प्रोजेक्ट्स को नियमों का उल्लंघन करते पाया था. इनमें से 14 बिल्डरों ने स्वयं ही ऊंचाई कम करने की सहमति दी, जबकि 27 प्रोजेक्ट्स को 2021 में आदेश जारी कर 60 दिन में अवरोधक ऊंचाई घटाने को कहा गया. इनमें से 21 बिल्डरों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन 6 प्रोजेक्ट्स (फ्लोरेंस, जश रेजिडेंसी, सरजन अपार्टमेंट, फियोना अपार्टमेंट, रवि रत्नम अपार्टमेंट और एलएंडटी अपार्टमेंट) के खिलाफ कोई अपील नहीं हुई.

ऐसे में इन इमारतों को तोड़ने के लिए 2022 में ही सूरत कलेक्टर को निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद लगभग तीन साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि मनपा ने भी कलेक्टर को बार-बार याद दिलाया, पर कार्रवाई नहीं हुई. अहमदाबाद में जून 2025 में हुए विमान हादसे के बाद कलेक्टर सक्रिय हुए और जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी पर डालते हुए डिमोलिशन करने का पत्र लिखा.यात्रियों की जान जोखिम में डालने का आरोप शिकायतकर्ता संजय इझावा ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर तात्कालिक कलेक्टर आयुष ओक और उसके बाद मौजूदा कलेक्टर सौरभ पारधी पर बिल्डरों को बचाने और 70 लाख यात्रियों की जान जोखिम में डालने का आरोप लगाया है. अब आयोग की सुनवाई में कलेक्टर को जवाब देना होगा. (Surat News)