पटना। तमिलनाडु के करूर जिले में हुई भीषण भगदड़ की घटना पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित त्रासदी करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं देश की भीड़ प्रबंधन नीतियों की विफलता को उजागर करती हैं। मनोज झा ने कहा कि आज देश में किसी बड़े धार्मिक या सामाजिक आयोजन में भीड़ इकट्ठा करना बेहद आसान हो गया है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने की नीतियां अब भी नदारद हैं। क्या हमारे पास कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) है, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऐसी घटनाओं पर सिर्फ आंकड़ों तक सीमित होकर बात होगी तो कुछ भी नहीं बदलेगा।

यह सिर्फ तमिलनाडु की बात नहीं है

मनोज झा ने यह भी स्पष्ट किया कि करूर की यह घटना सिर्फ तमिलनाडु का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में ऐसी घटनाएं होती रही हैं जो इस बात की तस्दीक करती हैं कि हम एक राष्ट्र के रूप में भीड़ नियंत्रण की नीतियां बनान में नाकाम रहे हैं।उन्होंने इसे राष्ट्रीय चिंता का विषय बताया जिस पर गंभीर बहस और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

बताया नीतिगत असफलता है

आरजेडी सांसद ने यह भी कहा कि ये घटनाएं केवल हादसे नहीं हैं बल्कि यह दर्शाती हैं कि हमारी व्यवस्था में कहीं न कहीं गहरी खामियां है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि शाम तक मृतकों की संख्या 39 या 40 हो जाएगी, लेकिन अगले दिन यह खबर भुला दी जाएगी। मनोज झा ने सरकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाज के सभी वर्गों से अपील करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक या क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है बल्कि यह जन सुरक्षा से जुड़ा गंभीर सवाल है। इसका हल सभी को मिलकर निकालना होगा।

ये है मामला, 39 की गई जान

तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार शाम अभिनेता थलपति विजय की एक रैली के दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं, जबकि 51 लोग आईसीयू में भर्ती हैं। पुलिस के मुताबिक रैली के लिए 10 हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन मौके पर 50 हजार से अधिक लोग पहुंच गए। आयोजन स्थल करीब 1.2 लाख वर्ग फुट में फैला था। विजय करीब 6 घंटे की देरी से पहुंचे। रैली के दौरान जब एक 9 साल की बच्ची के लापता होने की बात सामने आई तो विजय ने मंच से उसे ढूंढने की अपील की, जिसके बाद अफरातफरी मच गई। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हादसे के बाद देर रात हाईलेवल बैठक की और तुरंत करूर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। वहीं विजय घटना के बाद सीधे चेन्नई लौट गए जिससे उनकी आलोचना हो रही है।