Rajasthan News: भरतपुर जिले के बयाना ब्लॉक के कलसाड़ा गांव में एक खांसी की सिरप पीने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्सक समेत कई लोग बीमार हो गए। प्रभावितों में 108 एंबुलेंस का पायलट और एक 3 साल का बच्चा भी शामिल है। सभी को बेहोशी और चक्कर आने जैसी समस्या हुई। मामले के सामने आने के बाद पूरे जिले में उस दवा के वितरण पर रोक लगा दी गई है।

डॉक्टर की हालत बिगड़ी

ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि सीएचसी कलसाड़ा पर तैनात इंचार्ज डॉ. ताराचंद योगी ने शुक्रवार सुबह खांसी की सिरप पी थी। इसके बाद जब वे कार से भरतपुर जा रहे थे तो रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई। सिकंदरा गणेश मोड़ के पास उन्होंने कार साइड में खड़ी कर दी और अंदर एसी चला कर लेट गए। कुछ देर बाद वे बेहोश हो गए और करीब 8-9 घंटे तक उसी हालत में पड़े रहे।

मोबाइल लोकेशन से बचाई जान

पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनकी तलाश की और उन्हें बेहोशी की हालत में कार से निकालकर पहले बयाना उप-जिला अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भरतपुर रेफर किया गया और फिर जयपुर शिफ्ट किया गया। फिलहाल डॉक्टर जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां जांच में उन्हें निमोनिया पाया गया है।

स्टाफ और बच्चा भी प्रभावित

सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है। बताया गया कि सीएचसी में तैनात 108 एंबुलेंस पायलट राजेंद्र ने भी वही सिरप पी थी, जिसके बाद उनकी भी तबीयत बिगड़ गई। इससे पहले गांव का 3 वर्षीय बच्चा गगन (पुत्र सतीश चंद्र) भी वही सिरप पीने के बाद बीमार हो गया था।

संदिग्ध सिरप पर रोक

स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन उस बैच की दवा पर रोक लगा दी है और जिलेभर में वितरण बंद कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पढ़ें ये खबरें