Rajasthan News: जोधपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ओसियां डाकघर में कार्यरत ग्रामीण डाक सेवक किशन सिंह की असली उम्र 65 साल हो चुकी है, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में वह अभी भी रिटायरमेंट से 5 साल दूर बताया जा रहा है। उम्र छिपाने और फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र लगाने के आरोप में CBI ने मामला दर्ज किया है।

ऐसे खुला मामला

किशन सिंह, पुत्र नरपत सिंह, मूल रूप से जोधपुर जिले के डाबड़ी गांव का निवासी है। वह वर्तमान में चेराई सर्किल के बेरडो का बास गांव में ग्रामीण डाक सेवक के पद पर कार्यरत है। शिकायत मिलने के बाद जांच में सामने आया कि उसने दस्तावेजों में गलत जन्मतिथि दर्ज कराई और आठवीं पास का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी जारी रखी।

पिता की मौत के बाद मिली थी नौकरी

साल 1996 में पिता नरपत सिंह के निधन के बाद उसे ग्राम डाबड़ी में डाकिया नियुक्त किया गया था। बाद में उसका ट्रांसफर चेराई डाकघर में कर दिया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि उस समय किशन सिंह की उम्र लगभग 36 साल थी, जबकि दस्तावेजों में गलत जानकारी देकर अपनी उम्र 10 साल कम दिखाई।

फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक, किशन सिंह के पास केवल पांचवीं तक की पढ़ाई का प्रमाण था। बावजूद इसके उसने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण का फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया। यही नहीं, रिकॉर्ड में जन्मतिथि 1960 दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि वह 1986 में ग्राम पंचायत वार्ड पंच भी रह चुका है और 1980 में उसकी शादी हुई थी। शिकायतकर्ता का दावा है कि 1984 तक उसके तीन बच्चे हो चुके थे।

शिकायत में दिए गए तर्क

शिकायतकर्ता का कहना है कि तथ्य खुद इस बात की पुष्टि करते हैं कि किशन सिंह ने उम्र कम बताई है। उसका बेटा अजयपाल सिंह 1982 में जन्मा और वर्तमान में खुद डाक विभाग में ओसियां में कार्यरत है। दोनों की जन्मतिथि का मिलान कराने से भी सच्चाई स्पष्ट हो जाएगी।

CBI ने दर्ज किया केस

CBI, जोधपुर ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए किशन सिंह और डाक विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 420, 465, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज हुआ है। जांच की जिम्मेदारी पुलिस निरीक्षक नवल किशोर को सौंपी गई है।

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