कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि का महापर्व चल रहा है। दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की विशेष आस्था उमड़ रही है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नहर वाली माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा है। लगभग 250 साल प्राचीन यह ऐतिहासिक मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है।

क्यों कहा जाता हैं नहर वाली माता

ग्वालियर के चंद्रवदनी इलाके में स्थित इस मंदिर के किनारे नहर बहती थी, इसलिए इनका नाम नहर वाली माता मंदिर हो गया। मंदिर में मां दुर्गा भक्तों को बाघेश्वरी स्वरूप में दर्शन देती है, उत्तरमुखी शेर पर विराजमान देवी की प्रतिमा अद्भुत है। पुराणों के अनुसार, माता जब राक्षसों का संहार कर दक्षिण से लौट रहीं थी, उस समय का यह स्वरूप है। मैया को चौला चढ़ाया जाता है।

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नगर कोट से लाकर विराजमान की गई है प्रतिमा

देवी की यह प्रतिमा नगर कोट से लाकर विराजमान की गई है। मान्यता है कि जिस महिला की गोद सूनी रहती है, वह मैया के दरबार मे नारियल अर्पित कर मनोकामना मांगती है। मैया की कृपा से उनकी सूनी गोद भर जाती है। जब उनके बेटा बेटी हो जाता है तो वह मैया के दरबार मे पलना ढालने आती है।

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प्रॉफिट वाली मैया

मैया को प्रॉफिट देने वाली मैया भी कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि देवी के दर्शन मात्र से घाटे में चल रहा व्यापार लाभ देने लगता है। बड़ी संख्या में व्यापारी यहां आते है, मनोकामना पूरी होने पर भंडारे करते है।

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