सोहराब आलम, मोतिहारी। जिले में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने सियासी सरगर्मी तेज कर दी है। वीडियो में मधुबन विधानसभा से बीजेपी विधायक राणा रणधीर, फेनहारा जिला पार्षद आकाश गुप्ता और जीविका के बीपीएम की मौजूदगी में जीविका दीदियों को सरकार की 10 हजार रुपये वाली योजना की जानकारी देते नजर आ रहे हैं।

लेकिन असली विवाद उस वक्त खड़ा हो गया, जब वीडियो में यह देखा गया कि मंच से महिलाओं से अपील की जा रही है कि “नीतीश और मोदी की सरकार आप सबको 10 हज़ार रुपये दे रही है, जिसका रिफंड नहीं करना है, ऐसे में आप लोग नीतीश और मोदी को वोट देंगे ना?” इस पर जीविका दीदियों से हाथ उठवाकर हामी भी भरवाई जा रही है।

वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने बीजेपी और जदयू पर सीधा हमला बोल दिया है। राजद के प्रदेश महासचिव सास्वत गौतम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह बेहद शर्मनाक है कि सरकारी मंच पर सत्ता पक्ष के नेता खुलेआम राजनीतिक प्रचार कर रहे हैं। जीविका दीदियों से जबरन हाथ उठवाकर वोट दिलाने का नाटक हो रहा है। सरकार का पैसा खर्च कर बीजेपी-जदयू वोट बटोर रही है। ऐसे खर्च का हिसाब इन्हीं दलों से वसूला जाना चाहिए।

वहीं, मामले पर फेनहारा प्रखंड के बीपीएम अंत कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि, उन्होंने मना किया था, लेकिन “जिला स्तर से जो गाइडलाइन आती है, उसी के आधार पर काम करना पड़ता है।” अब यह मामला विपक्ष को सत्ता पर हमला बोलने का नया हथियार दे गया है। सवाल साफ है कि क्या सरकारी योजनाओं के नाम पर महिलाओं से वोट मांगना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं है?

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