दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा का प्रसिद्ध मांई दंतेश्वरी मंदिर सागौन के 24 स्तंभों पर टिका हुआ है, जिन पर ओडिशा के कलाकारों की बेमिसाल नक्काशी देखने को मिलती है। मंदिर में दंतेश्वरी माता की मूर्ति के साथ संगमरमर से बनी सिंहवाहिनी और लकड़ी से निर्मित भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है।

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इतिहास बताता है कि 1880 में वारंगल के राजा हीराला चितेर ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। 1958 में महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव ने यहां मां सरस्वती और मां काली की प्रतिमाएं भी स्थापित कराईं। मंदिर में दुर्लभ अष्टधातु की प्रतिमाएं भी मौजूद हैं, जिनमें मां दंतेश्वरी की षट्भुजी और अष्टभुजी प्रतिमाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। यहां शारदीय नवरात्रि में माता का मुख दक्षिण दिशा और चैत्र नवरात्रि में पूर्व दिशा की ओर कर पूजा की जाती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु के दस अवतार और गरुड़ का चित्र भी अंकित है।

नक्सलवाद पर सरकार का कड़ा वार, संगठन में दरारें गहरी

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने के लिए आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है। जंगल के साथ-साथ अर्बन नेटवर्क को भी ध्वस्त करने पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में रायपुर से इनामी नक्सली रामा हिंचाम की गिरफ्तारी इस अभियान की बड़ी सफलता रही। तेलंगाना और बस्तर से भी कई बड़े नक्सली नेता या तो मारे गए हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसी दबाव के कारण संगठन में मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं—एक ओर प्रवक्ता वार्ता की पेशकश कर रहा है तो दूसरी ओर संगठन का दूसरा धड़ा इसका विरोध कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, कई नक्सली नेता आत्मसमर्पण की तैयारी में सुरक्षा बलों से संपर्क साध रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

दशहरा में श्रद्धा और परंपरा, फूल रथ की आखिरी परिक्रमा पूरी

जगदलपुर। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की परंपरा के तहत फूल रथ की अंतिम परिक्रमा हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सम्पन्न हुई। माता दंतेश्वरी के छत्र को रथारूढ़ कर सिरासार चौक से गोलबाजार तक ले जाया गया। इस दौरान पुलिस जवानों ने हर्ष फायर कर माता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अब महाअष्टमी पर विशेष हवन और पूजन होगा, जिसमें पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। टेंपल कमेटी ने प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था की है। श्रद्धालु मनोकामना ज्योत जलाकर माता का आशीर्वाद ले रहे हैं। दशहरे की आगामी रस्मों—मावली परघाव, मुरिया दरबार और कुटुम्ब जात्रा के लिए भी तैयारी शुरू हो गई है।

मां दंतेश्वरी की डोली जगदलपुर के लिए होगी रवाना

दंतेवाड़ा। बस्तर दशहरे की परंपरा के तहत मां दंतेश्वरी की डोली और छत्र दंतेवाड़ा से जगदलपुर के लिए रवाना की जाएगी। डोली को बाहर निकालने से पहले नगर कोतवाल बोधराज बाबा की अनुमति ली जाती है, जिन्हें दंतेवाड़ा की रक्षा करने वाला माटी देवता माना जाता है। परंपरा अनुसार डोली सबसे पहले जयस्तंभ चौक और फिर बोधराज बाबा की कुटिया पहुंचती है। जगदलपुर पहुंचने पर डोली जिया डेरा में विश्राम करेगी और अगले दिन मावली परघाव की रस्म में शामिल होगी। वापसी पर डोली फिर से बोधराज बाबा की अनुमति लेकर ही मंदिर लौटती है। इस पूरी यात्रा में आस्था, परंपरा और देवी भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिलता है।

सुरक्षा बलों ने बरामद किए 5 आईईडी, बड़ी वारदात टली

सुकमा। कोहकामेटा थाना क्षेत्र के कोडलियार इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। डी-माइनिंग और सर्चिंग अभियान के दौरान जवानों ने 5-5 किलो वजनी कूकर कमांड आईईडी बरामद किए। आईटीबीपी की 53वीं बटालियन, जिला बल और बीडीएस की संयुक्त टीम ने सभी आईईडी को मौके पर ही सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया। समय रहते कार्रवाई से बड़ी घटना टल गई। बताया गया कि नक्सली इन आईईडी को सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगाए थे।

इंद्रावती नदी पर बैराज निर्माण की योजना अटकी, किसानों की चिंता बढ़ी

जगदलपुर। इंद्रावती नदी पर दो बड़े बैराज बनाने की योजना लंबे समय से फाइलों में अटकी हुई है। देउरगांव और मटनार में प्रस्तावित इन बैराजों पर 824 करोड़ रुपए की लागत आनी है। मटनार में बनने वाले 32 मीटर ऊंचे बैराज से करीब 1200 हेक्टेयर में सिंचाई और बिजली उत्पादन की योजना है, जबकि देउरगांव बैराज से 1800 एकड़ जमीन सींची जा सकेगी। बैराज बनने से चित्रकोट जलप्रपात में गर्मियों में भी पानी बहता रहेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी न मिलने से यह योजना खटाई में पड़ गई है, जिससे किसानों में निराशा है।

दशहरे से पहले अधूरा अंडरग्राउंड वायरिंग काम बढ़ा रहा चिंता

जगदलपुर। बस्तर दशहरे की रथ परिक्रमा के मुख्य मार्ग पर 5.19 करोड़ रुपए की लागत से अंडरग्राउंड वायरिंग का काम समय पर पूरा नहीं हो सका है। फूल रथ मार्ग पर काम पूरा हो चुका है, लेकिन मुख्य रथ मार्ग पर काम बेहद धीमा है। वर्षों से समिति इस काम की मांग कर रही थी ताकि तार टूटने और शॉर्ट सर्किट की घटनाओं से बचा जा सके। श्रमिकों के अनुसार, सीमित जनशक्ति और तकनीकी दिक्कतें काम में अड़चन डाल रही हैं। विभाग दावा कर रहा है कि फूल रथ परिक्रमा से पहले काम पूरा हो जाएगा, मगर श्रद्धालु और समिति सदस्य संशय में हैं।

अवैध खनिज परिवहन पर बड़ी कार्रवाई, 12 वाहन जब्त

जगदलपुर। खनिज विभाग ने गौण खनिजों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अभियान चलाकर 12 वाहनों को जब्त किया। इनमें नौ टिप्पर, दो हाईवा और एक ट्रैक्टर-ट्रॉली शामिल हैं, जो चुना पत्थर और रेत का परिवहन कर रहे थे। यह कार्रवाई फरसागुड़ा, बडांजी, कोड़ेनार, कुम्हरावंड, मारेंगा और अन्य इलाकों में की गई। विभागीय जांच दल ने वाहनों को पुलिस सुपुर्द कर प्रकरण दर्ज कर लिया है। खनिज अधिकारी शिखर चेरपा ने बताया कि ऐसी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी ताकि अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश लगाया जा सके।