रोहतास। उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी ‘I Love Mohammad’ लिखे पोस्टरों के मामले सामने आने लगे हैं। ताजा घटना रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन के ईदगाह मोहल्ले से जुड़ी है जहां मोहल्ले की दीवारों पर ऐसे पोस्टर अचानक चिपके मिले। इन पोस्टरों का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं लोगों के बीच तेज हो गई हैं। मामला गरमाने के बीच जब मीडिया ने इस पर रोहतास के पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पोस्टर में कुछ भी ऐसा नहीं है जैसा कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले की निगरानी की जा रही है और हालात सामान्य हैं।
संविधान देता है धार्मिक अभिव्यक्ति की आजादी, लेकिन..
भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। अनुच्छेद 25 के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी आस्था को प्रकट करने और किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है, जब तक कि वह सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और कानून व्यवस्था के खिलाफ न हो। हालांकि नवरात्र जैसे धार्मिक अवसर पर इस तरह के पोस्टरों का सामने आना कई लोगों को संदेहास्पद लग रहा है। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने इसे एक पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा करार दिया है जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द को चोट पहुंचाना हो सकता है।
यूपी में भड़के थे विवाद
इससे पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर, बरेली और लखनऊ जैसे शहरों में भी इसी तरह के ‘I Love Mohammad’ पोस्टर सामने आए थे, जिससे स्थानीय स्तर पर काफी विवाद पैदा हुआ था। कई जगहों पर प्रदर्शन हुए, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। इन घटनाओं के जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘I Love Mahadev’ लिखे पोस्टर और बैनर लगाना शुरू कर दिया। इससे दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गई और सोशल मीडिया पर बहसें और ट्रेंड्स भी देखने को मिले।
डेहरी में लोगों के बीच चिंता का माहौल
डेहरी के ईदगाह मोहल्ले में अचानक लगे इन पोस्टरों से स्थानीय लोगों में भी बेचैनी देखी जा रही है। कई लोगों ने इस मामले को लेकर प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि जिले में किसी तरह की सांप्रदायिक स्थिति पैदा न हो। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की हरकतें जानबूझकर की जा रही हैं ताकि धार्मिक भावनाएं भड़काई जा सकें। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने आग में घी डालने का काम किया है।
प्रशासन की सतर्कता और जिम्मेदारी जरूरी
बढ़ते धार्मिक पोस्टर विवाद को देखते हुए प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में जल्द कार्रवाई, स्पष्ट बयान और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के जरिए स्थिति को नियंत्रण में रखना अत्यंत आवश्यक है। बिहार जैसे संवेदनशील राज्य में इस तरह के धार्मिक ट्रेंड को नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं हो सकता। इसलिए जरूरत है कि कानून व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए हर किसी को धार्मिक अभिव्यक्ति की आजादी और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाकर चलने की सीख दी जाए।
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