Dussehra 2025: इस वर्ष 2 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाने वाला दशहरा (विजयादशमी) ग्रहों और नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण बेहद खास होने वाला है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह दिन कई दुर्लभ और शक्तिशाली शुभ योगों के साथ आ रहा है, जो इसे सर्वकार्य सिद्धि और नई शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ बना रहे हैं.
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दशहरा पर बनने वाले प्रमुख शुभ संयोग (Dussehra 2025)
इस वर्ष विजयादशमी के दिन निम्नलिखित विशेष ग्रह-नक्षत्रों के संयोग बनेंगे, जो इसके महत्व को कई गुना बढ़ा देंगे. दशहरा के दिन रवि योग का संयोग पूरे समय तक रहेगा. ज्योतिष में रवि योग को अत्यंत शुभ और सफलतादायक माना जाता है.
दशमी तिथि पर श्रवण नक्षत्र का होना बहुत ही शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र के संयोग में ही विजयादशमी मनाए जाने की परंपरा है. यह नक्षत्र ज्ञान, समृद्धि और विजय का प्रतीक है.
दशहरे पर सुकर्मा योग और धृति योग का निर्माण भी हो रहा है. सुकर्मा योग कार्यों में सफलता और शुभता लाता है, जबकि धृति योग स्थिरता और धैर्य प्रदान करता है.
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ज्योतिषीय महत्व और प्रभाव (Dussehra 2025)
इन दुर्लभ संयोगों के कारण, यह दशहरा न केवल धार्मिक, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी बहुत शक्तिशाली है. यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक तो है ही, साथ ही शुभ योगों के कारण यह दिन नए व्यवसाय शुरू करने, महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत करने या कोई भी शुभ कार्य करने के लिए सबसे उत्तम है.
इन राशियों के लिए शुभ (Dussehra 2025)
ज्योतिषियों के अनुसार, यह विशेष संयोग मेष, कर्क और धनु समेत कई राशियों के लिए करियर में तरक्की, आर्थिक स्थिति में सुधार और पारिवारिक सुख लेकर आने वाला है.
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