रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन ने गृह निर्माण मंडल (सीजीएचबी) की संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन किया गया है, जिससे मंडल को 31 अक्टूबर 2024 तक आवंटित सभी भूमियों को लैंड डायवर्सन (भू-उपयोग परिवर्तन) से मुक्त कर दिया गया है. अब इन संपत्तियों को आवासीय रूप में फ्री-होल्ड करना आसान होगा, और राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की प्रक्रिया सरल हो जाएगी.

26 नवंबर 2024 को मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए इस निर्णय को 22 सितंबर 2025 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया. संशोधन के अनुसार, मास्टर प्लान में गैर-कृषि उपयोग के लिए आरक्षित भूमियों को भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. पहले, फ्री-होल्ड के बाद भी राजस्व रिकॉर्ड में भूमि का उपयोग ‘कृषि’ या ‘शासकीय’ के रूप में दर्ज रहता था, जिसके कारण हितग्राहियों को जटिल प्रक्रियाओं और प्रीमियम, भू-राजस्व, अधोसंरचना उपकर, पर्यावरण उपकर जैसे वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ता था.

नए आदेश से हितग्राहियों को इन सभी वित्तीय और प्रशासनिक बाधाओं से राहत मिलेगी. 25 सितंबर 2024 को मंडल ने ऐसी संपत्तियों पर फ्री-होल्ड प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, जिनका धारणाधिकार ‘कृषि’ या ‘शासकीय’ था. अब 29 सितंबर 2025 को जारी आदेश के बाद फ्री-होल्ड प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. यह निर्णय हजारों आवंटियों के लिए राहतकारी है, जो वर्षों से अपनी संपत्तियों को फ्री-होल्ड कराने की कोशिश कर रहे थे.

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि यह संशोधन हितग्राहियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का स्थायी समाधान है. अब बिना अतिरिक्त शुल्क के फ्री-होल्ड संभव होगा, जिससे नामांतरण, बैंक ऋण और संपत्ति हस्तांतरण में सुविधा होगी. यह कदम पारदर्शिता और जनसुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण है.