चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में लोकायुक्त संगठन की टीम ने तहसील खुड़ैल में जमीन नामांतरण के नाम पर रिश्वत लेते रंगे हाथों एक निलंबित सहायक ग्रेड-3 को पकड़ा है। नायब तहसीलदार दयाराम निगम ने अपने बाबू नरेंद्र नरवरिया के जरिए आवेदक से ₹50,000 की रिश्वत मांगी थी। ट्रैप दल ने कार्यालय में रिश्वत की राशि टेबल की दराज में रखते ही नरवरिया को गिरफ्तार कर लिया।
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जानकारी के अनुसार, आवेदक को रिश्वत की राशि लेकर तहसील खुड़ैल बुलाया गया था। नायब तहसीलदार खुड़ैल दयाराम निगम और बाबू नरेंद्र नरवरिया ने मिलीभगत से यह रकम मांगी थी। लोकायुक्त की टीम ने सटीक प्लानिंग के साथ छापा मारा और नरवरिया को मौके पर धर दबोचा। नायब तहसीलदार के खिलाफ भी आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है, जो सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। लोकायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी है कि रिश्वतखोरी में लिप्त लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी।
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