Share Market Today : हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार, 1 अक्टूबर को शेयर बाजार ने रफ्तार पकड़ ली। शुरुआती घंटों में सेंसेक्स 200 अंक से ऊपर चढ़कर 80,500 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी ने भी मजबूती दिखाई और 70 अंकों की बढ़त के साथ 24,680 तक पहुंच गया।

बाजार के इस उछाल के पीछे फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर की दमदार तेजी है। NSE के फार्मा और हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.5% तक का उछाल देखा गया, जबकि मीडिया, ऑटो और रियल्टी सेक्टर ने भी मजबूती दिखाई। हालांकि, IT और मेटल सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई, जिसने बाजार की चमक थोड़ी फीकी कर दी।
सेंसेक्स और निफ्टी की तस्वीर
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे। सनफार्मा, महिंद्रा और ट्रेंट जैसे दिग्गज शेयरों में 2% तक की तेजी देखी गई। दूसरी ओर एयरटेल, जोमैटो और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में हल्की गिरावट आई। निफ्टी के 50 शेयरों में से 40 बढ़त पर रहे, जिससे बाजार का सेंटीमेंट मजबूती की ओर रहा।
ग्लोबल मार्केट का असर
एशियाई बाजारों से मिले-जुले संकेत भारतीय निवेशकों के मूड को प्रभावित करते दिखे। जापान का निक्केई 1.2% फिसलकर 44,400 पर आ गया, जबकि कोरिया का कोस्पी 0.80% ऊपर 3,452 पर कारोबार कर रहा था। वहीं चीन और हॉन्गकॉन्ग के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे।
अमेरिकी बाजारों ने भी सोमवार को मजबूती दिखाई थी। डाउ जोन्स 0.18% की बढ़त के साथ 46,398 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डेक और S&P 500 क्रमशः 0.30% और 0.41% ऊपर रहे।
FIIs बनाम DIIs – किसने कितनी चाल चली?
विदेशी निवेशक (FIIs) सितंबर महीने में बिकवाली के मूड में रहे। 30 सितंबर को उन्होंने 2,327.09 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू निवेशक (DIIs) खरीदी के मूड में दिखे और उन्होंने 5,761.63 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की।
पूरे सितंबर में FIIs ने 35,301 करोड़ रुपए की बिकवाली की, जबकि DIIs ने इसी दौरान 65,343 करोड़ रुपए की खरीदारी की। अगस्त में भी यही ट्रेंड देखने को मिला था, जब FIIs ने 46,902 करोड़ रुपए के शेयर बेचे और DIIs ने करीब 95,000 करोड़ रुपए झोली में डाल लिए।
पिछला सत्र कैसा रहा?
मंगलवार, 30 सितंबर को बाजार का मूड बिगड़ा था। उस दिन सेंसेक्स 97 अंक टूटकर 80,267 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 23 अंक गिरकर 24,611 के स्तर पर आ गया था।
हालांकि, उस समय PSU बैंक इंडेक्स ने 2% की बढ़त दिखाई थी और मेटल, ऑटो, प्राइवेट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में मजबूती दर्ज की गई थी। लेकिन FMCG, IT, रियल्टी और फार्मा सेक्टर दबाव में रहे थे।
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