शब्बीर अहमद, भोपाल। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट जारी करते हुए देश में अपराधों की चिंताजनक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामले 9.2% बढ़कर 1,77,335 हो गए, जो हर तीन मिनट में एक अपराध का संकेत देते हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है, जहां 22,393 मामले दर्ज किए गए।
बच्चों के खिलाफ अपराध: मध्य प्रदेश टॉप पर
NCRB डेटा के मुताबिक, बच्चों के खिलाफ अपराधों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर काबिज है। राज्य में 22,393 केस दर्ज हुए, जो महाराष्ट्र (22,390) से महज तीन कम हैं। तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश (18,852), चौथे पर राजस्थान (10,577) और पांचवें पर असम (10,174) है। प्रति लाख बच्चों की आबादी के हिसाब से मध्य प्रदेश का रेट 77.9 है, जो राष्ट्रीय औसत (39.9) से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि POCSO एक्ट के तहत दर्ज मामलों में 90% अभी जांच या ट्रायल के चरण में अटके हैं, जो सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में पांचवें स्थान पर प्रदेश
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कुल 4,48,211 मामले दर्ज हुए, जो 2022 के 4,45,256 से 0.7% अधिक हैं। उत्तर प्रदेश (66,381) पहले, महाराष्ट्र (47,101) दूसरे, राजस्थान (45,450) तीसरे, पश्चिम बंगाल (34,691) चौथे और मध्य प्रदेश (32,342) पांचवें नंबर पर है। इनमें सबसे ज्यादा क्रूरता के मामले (29.8%) पति या रिश्तेदारों द्वारा, फिर अपहरण (19.8%) और महिलाओं पर हमला (18.7%) शामिल हैं। राष्ट्रीय औसत रेट 66.2 प्रति लाख महिलाओं पर है।
आत्महत्या के मामले: मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर
रिपोर्ट में आत्महत्या के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। 2023 में देशभर में 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की, जिसमें छात्रों की संख्या 13,892 (8.1%) रही। महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, उसके बाद तमिलनाडु। मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां 15,662 लोग आत्महत्या का शिकार बने। छात्रों में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है (10.5% कुल छात्र आत्महत्याओं का हिस्सा), जहां दबाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं प्रमुख कारण बताई गई हैं।
भ्रष्टाचार के मामले: मध्य प्रदेश सातवें स्थान पर
भ्रष्टाचार के मामलों में देशभर से 4,139 केस दर्ज हुए, लेकिन राज्यवार ब्रेकअप में मध्य प्रदेश सातवें नंबर पर है। राजस्थान और महाराष्ट्र लगातार टॉप पर बने हुए हैं, जबकि मध्य प्रदेश में ट्रैप केस और आपराधिक कदाचार के मामले प्रमुख हैं। कुल मिलाकर, चार्जशीटिंग रेट 81.2% रहा, लेकिन कई राज्यों में यह 50% से नीचे है।
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने आंकड़ों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए बीजेपी को बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा में विफल करार दिया। पीसी शर्मा ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा, “मध्य प्रदेश बच्चों के खिलाफ अपराध में नंबर-1 बन गया है। बीजेपी की सरकार में बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं।” उन्होंने चेतावनी दी, “यही हाल रहा तो घरों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं रहेंगी। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में मध्य प्रदेश 32,342 मामलों के साथ पांचवें स्थान पर है। इस पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला। शर्मा ने कहा, “बीजेपी कब तक महिलाओं के साथ मजाक करती रहेगी? प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं, और सरकार की नाकामी NCRB के आंकड़ों में साफ दिख रही है।” उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के बाद मध्य प्रदेश का स्थान है।
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