पटना। बिहार में BPSC TRE-4 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की देरी ने अभ्यर्थियों को फिर से सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। शिक्षक उम्मीदवारों ने सरकार से मांग की है कि चौथे चरण में कम से कम 1.20 लाख पदों पर वैकेंसी निकाली जाए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार अपने ही वादे से मुकर रही है और अब वे 4 अक्टूबर को पटना में बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। अभ्यर्थियों के अनुसार 19 सितंबर को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर भरोसा दिलाया था कि TRE-4 के तहत 1.20 लाख से अधिक पदों पर बहाली होगी लेकिन अब सितंबर बीतने के बाद भी भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया है जिससे हजारों बेरोजगार शिक्षक उम्मीदवारों में आक्रोश है। छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि अगर सरकार ने जल्द वैकेंसी जारी नहीं की तो वे 4 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पटना कॉलेज से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकालेंगे।

आचार संहिता से पहले विज्ञापन की मांग

अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर आचार संहिता लागू होने से पहले विज्ञापन जारी नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा। उम्मीदवारों का तर्क है कि सरकार जानबूझकर प्रक्रिया को टाल रही है ताकि चुनावी लाभ लिया जा सके।

शिक्षा मंत्री के बयान से भड़का विवाद

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के शिक्षक दिवस पर दिए गए बयान से विवाद और गहरा गया। उन्होंने कहा था कि TRE-4 में सिर्फ 26 हजार से अधिक पदों पर भर्ती होगी जबकि इससे पहले सरकार 1 लाख से ज्यादा पदों की बात कर चुकी थी। यही बात अभ्यर्थियों को नागवार गुजरी और उन्होंने विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी।

TRE-4 की तारीखें घोषित

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि TRE-4 परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित होगी और परिणाम 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच जारी किए जाएंगे। हालांकि पदों की संख्या को लेकर अब भी स्पष्टता नहीं है।

9 सितंबर को भी हुआ था लाठीचार्ज

इससे पहले 9 सितंबर को भी पटना में हजारों अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था जिसमें कई छात्रों को चोटें आईं थीं और कुछ को हिरासत में भी लिया गया था। हालांकि बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।

सरकार से पारदर्शिता की मांग

अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार TRE-4 भर्ती को लेकर स्थिति स्पष्ट करे और जल्द से जल्द विस्तृत विज्ञापन जारी करे, ताकि लाखों बेरोजगारों को राहत मिल सके। उनका कहना है कि अगर सरकार पारदर्शिता के साथ प्रक्रिया नहीं चलाती तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।