दरभंगा। बिहार के दरभंगा-मुजफ्फरपुर फोरलेन पर बुधवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब शहर के नामी आभूषण कारोबारी मनीष गुप्ता का शव सड़क पर टुकड़ों में बिखरा मिला। यह भयावह दृश्य दरभंगा सदर थाना क्षेत्र के रानीपुर के पास NH-27 पर दिखाई दिया। शव के छह हिस्सों में बंटा मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मृतक मनीष गुप्ता हसनचक निवासी बताए गए हैं। उनकी उम्र करीब 50 साल थी और वे दरभंगा टावर स्थित गंगा मार्केट में ज्वेलरी की दुकान और एक होटल के मालिक थे। शव मिलने की सूचना जैसे ही शहर के व्यापारियों तक पहुंची गुस्से का माहौल बन गया। आक्रोशित व्यापारियों और ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की।

हत्या या सड़क हादसा?

पुलिस की शुरुआती जांच इसे हिट-एंड-रन से जोड़ रही है। लेकिन स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कोई साधारण दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। उनका आरोप है कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि यदि यह सड़क हादसा है तो शव कई टुकड़ों में कैसे बंटा? घटनास्थल पर खून क्यों नहीं मिला? और मनीष का वाहन कहां गया?

प्रशासन ने संभाला मोर्चा

गुस्साई भीड़ को शांत कराने के लिए मौके पर एसडीपीओ राजीव कुमार और एसडीएम विकास कुमार पहुंचे। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि परिवार के लिखित आवेदन के आधार पर हत्या की आशंका सहित हर पहलू से जांच की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद लोगों ने जाम हटा लिया।

पुलिस जांच में जुटी

फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि घटना की वास्तविक सच्चाई सामने आ सके। शहर के लोगों और कारोबारी वर्ग की एक ही मांग है कि इस घटना की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए और दोषियों को सख्त सजा मिले। दरभंगा जैसे संवेदनशील इलाके में दिन-दहाड़े हुई इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस रहस्यमय मौत की गुत्थी को कितनी जल्दी सुलझाती है।