लखनऊ. हिन्दू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है. मशवरा ग्रुप के जरिए हत्या की साजिश रची जा रही थी. मुजाहिद्दीन आर्मी के सरगना ने व्हाट्सअप पर मशवरा ग्रुप बनाया था. युवाओं को जोड़कर फंडिंग और हथियारों का इंतजाम कर रहा था. मोहम्मद रजा की गिरफ्तारी के बाद एटीएस को पुख्ता प्रमाण मिले हैं. जिसके बाद ग्रुप के सदस्यों की तलाश तेज हो गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोहम्मद रजा ने कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं थे. कट्टपंथी विचारधारा के युवाओं को चिन्हित कर एक कोर ग्रुप तैयार किया गया था. मोहम्मद रजा ग्रुप में मुसलमानों के जुल्म और ज्यादती वाले पोस्ट करता था. भड़काऊ भाषण देने वाले हिन्दू धर्म गुरुओं के भी पोस्ट डालता था. एटीएस लगातार हर कड़ी पर पूछताछ कर रही है.

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इसके अलावा रजा हिंदूवादी नेताओं की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखने और उनकी कमजोरियों के बारे में पता लगाने को कहता था. साथ ही अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए अपने संपर्कों के जरिए फंडिंग जुटाने को भी कहता था. एटीएस को जब इस ग्रुप के बारे में पता चला तो कोर ग्रुप के सदस्य सुल्तानपुर निवासी अकमल रजा, सोनभद्र निवासी सफील सलमानी, कानपुर निवासी तौसीफ और रामपुर निवासी कासिम अली को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की गई.

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने मोहम्मद रजा के मंसूबों का खुलासा कर दिया. एटीएस अब रजा समेत पांचों के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी, ताकि उसमें मौजूद उनकी योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सके. इसके अलावा पांचों को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी करने की तैयारी है.