Rajasthan News: राजस्थान में इस साल मानसून ने जमकर मेहरबानी की। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 14 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू हुई और 26 सितंबर तक यह पूरी तरह विदाई हो गई। हालांकि, मौसम विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक की बारिश को मानसून का हिस्सा मानता है। मंगलवार को मानसून का खाता बंद कर दिया गया।

इस साल प्रदेश में 64 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसमें जोधपुर में 66 प्रतिशत ज्यादा पानी बरसा। प्रदेश के 33 जिलों में से पांच जिलों में दोगुनी से अधिक बारिश हुई, जिसमें हनुमानगढ़ में सर्वाधिक 127 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।

पश्चिमी राजस्थान में बारिश का हाल

पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में औसतन 69% अधिक बारिश हुई। जोधपुर में सामान्य 292.6 मिमी की तुलना में 486.6 मिमी बारिश हुई, जो 66% अधिक है। हनुमानगढ़ में 253.6 मिमी के बजाय 574.7 मिमी (127% अधिक), श्रीगंगानगर में 204.7 मिमी के बजाय 454.2 मिमी (122% अधिक), और नागौर में 369.5 मिमी के बजाय 743.9 मिमी (101% अधिक) बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई, जैसे बाड़मेर (42%), जैसलमेर (27%), पाली (68%), जालोर (84%), चूरू (90%), और बीकानेर (55%)।

आगे का मौसम

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार मानसून की विदाई के बावजूद अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश का दौर जारी है। जोधपुर में गुरुवार को बारिश की संभावना है, जबकि इसके बाद दो दिन तक केवल बादल छाए रहेंगे। रविवार से मंगलवार तक फिर से बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष बंद

जोधपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष मंगलवार शाम को बंद कर दिए गए। इस साल की रिकॉर्ड बारिश ने जहां खेती के लिए फायदा पहुंचाया, वहीं कई इलाकों में जलभराव की समस्या भी देखने को मिला है।

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