धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। ओरछा के रामराजा सरकार, जिनके दरबार में मंत्री हो या अफसर, सब बराबर माने जाते हैं। दशहरे के दिन उनकी अनोखी परंपरा फिर दोहराई गई। मंदिर के पट सुबह नहीं, बल्कि दोपहर 12 बजे खुले। मान्यता यही है कि रावण से युद्ध के बाद भगवान देर तक विश्राम करते हैं और यही वजह है कि यह परंपरा सदियों से निभाई जा रही है। श्रीरामराजा मंदिर में दशहरे पर आज सुबह श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे, लेकिन पट 8 बजे नहीं, बल्कि दोपहर 12 बजे खोले गए। यह परंपरा हर साल दशहरे और रामनवमी पर निभाई जाती है।

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पान का बीड़ा श्रीरामराजा सरकार को भेंट

मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि दशहरे के दिन भगवान श्रीराम का विशेष श्रृंगार होता है। आज दोपहर 12 बजे मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद रामराजा सरकार की महाआरती की गई। दर्शन के बाद 2 बजे मंगल हुआ और रात 8 बजे फिर से पट खोले जाएंगे। दशहरे पर विशेष परंपरा के तहत हर श्रद्धालु को पान और इत्र की काड़ी दी जाती है। श्रद्धालु पान का बीड़ा श्रीरामराजा सरकार को भेंट कर विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हैं।

श्रीरामराजा सरकार को दी सलामी

मंदिर परिसर में प्रतिदिन की तरह आज भी पुलिस जवानों ने हथियारों के साथ श्रीरामराजा सरकार को सलामी दी। यहां नियम है कि चाहे कोई बड़ा अधिकारी या मंत्री मौजूद क्यों न हो, सेल्यूट केवल भगवान को ही दिया जाता है, क्योंकि मंदिर में सर्वाेपरि केवल श्रीरामराजा सरकार ही हैं। साल में केवल दो अवसर रामनवमी और दशहरे पर पट खुलने का समय बदलता है। इसके अलावा मौसम के अनुसार गर्मियों और सर्दियों में केवल 1-1 घंटे का बदलाव किया जाता है।

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