Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब पूरी रफ्तार पकड़ चुकी हैं। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। यह बैठक 4 अक्टूबर, 2025 को पटना के होटल ताज में आयोजित की जाएगी। बैठक सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलेगी, और इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त स्वयं सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ शामिल होंगे।

बैठक में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस सहित अन्य बड़े राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी बहुत जल्द किया जा सकता है। बता दें कि आयोग की इस बैठक में मुकेश साहनी की पार्टी VIP, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM और जीतनराम मांझी की पार्टी HAM को पटना में आयोजित होने वाली इस अहम बैठक में नहीं बुलाया गया है।

चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारी लगातार समीक्षा कर रहे हैं। बीते 1 अक्टूबर, 2025 को वरीय उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार चुनाव की तैयारियों की समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल और राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी कुंदन कृष्णन भी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव को पूरी तरह निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाने की तैयारियों की समीक्षा करना था। इस दौरान निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई।

बैठक में मतदाता सूची के प्रकाशन से लेकर मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रगति, ईवीएम एवं वीवीपैट की व्यवस्था और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की तैयारियों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों की तैनाती, अवैध हथियारों की बरामदगी, शराब की जब्ती, अंतरराज्यीय सीमाओं पर चौकसी और अन्य अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपायों पर भी विचार किया गया। राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी ने आश्वस्त किया कि चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी।

मतदान केंद्रों पर सुविधाओं और विशेष व्यवस्थाओं पर भी जोर दिया गया। सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, रैम्प, शौचालय, फर्नीचर और संकेतक जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। विशेष रूप से 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था के प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया गया, ताकि वे आसानी से अपने मत का प्रयोग कर सकें।

इस तरह, चुनाव आयोग की 4 अक्टूबर की बैठक को बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान कब किया जाएगा और चुनावी रौनक कितनी जल्द पूरे राज्य में नजर आएगी।

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