संजीव शर्मा, कोंडागांव। जिले के बयानार थाना क्षेत्र के ग्राम केजंग में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने फिर से दुर्गम इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। खेत के पास कुएं से पानी लेने गई 35 वर्षीय महिला घड़वे सोरी पति बुधसन सोरी को जहरीले सांप ने डंस लिया।


परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस को बुलाया, लेकिन इलाज तक पहुंचने की राह इतनी कठिन साबित हुई कि महिला की जान खतरे में पड़ गई। एंबुलेंस जब तोड़म मार्ग से होकर गुजर रही थी, तभी रास्ते में आए एक नाले को पार करते वक्त वाहन फंस गया। करीब एक घंटे तक एंबुलेंस नाले में ही अटकी रही, इस दौरान परिजन और ग्रामीण वाहन को बाहर निकालने की मशक्कत करते रहे। आखिर में किसी तरह एंबुलेंस को बाहर निकाला गया और महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया जा सका। फिलहाल पीड़िता का इलाज जिला अस्पताल में जारी है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
बरसात में दुर्गम इलाकों का संकट
यह घटना केवल एक महिला की पीड़ा नहीं, बल्कि पूरे इलाके की हकीकत बयां करती है। गांव केजंग और आसपास के कई गांव आज भी पक्की सड़क और पुल-पुलियों से वंचित हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं कहीं नाले उफान पर होते हैं, तो कहीं कीचड़ और दलदल रास्ता रोक देते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है।
ग्रामीणों की नाराजगी और मांग
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इलाके में सड़क और पुल-पुलियों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाए, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में किसी की जान से खिलवाड़ न हो। ग्रामीणों का कहना है कि “सरकार विकास की बातें तो करती है, लेकिन यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं।”
सवालों के घेरे में सिस्टम
यह हादसा प्रशासन के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है—क्या दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोग हमेशा ऐसे ही अपनी जान जोखिम में डालकर जीने को मजबूर रहेंगे? अगर समय रहते सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसे हादसे और भी भयावह हो सकते हैं।
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