रायपुर. नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय केन्द्र में गर्वनर कॉन्फ्रेंस के लिये गठित उप समिति की बैठक झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. इस बैठक में केन्द्रीय जनजाति कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके सहित ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मेघालय के राज्यपाल तथागत राय, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस, असम एवं मिजोरम के राज्यपाल जगदीश मुखी शामिल हुए.
इस बैठक में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि 5वीं अनुसूची के क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को समाप्त कर नगर पंचायत बनाए गए हैं, जो कि नियमानुसार नहीं है. इस संबंध में चर्चा कर सुझाव दिये गए.
जनजातियों के लिये संचालित योजनाओं और विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों में सुधार पर चर्चा हुई, जिसमें राज्यपाल उइके ने सुझाव दिया कि आंध्रप्रदेश, तेलांगाना एवं महाराष्ट्र की तर्ज पर 5वीं अनुसूची के क्षेत्रों में स्थानीय व्यक्तियों को शासकीय सेवा के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नौकरी देने का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार से सभी प्रदेशों के अनुसूचित क्षेत्रों में नियम बनाया जाए, ताकि वहां के स्थानीय जनजाति व्यक्तियों को नौकरी एवं रोजगार मिल सके.
राज्यपाल उइके ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत जो भूमि के पट्टे दिये गये हैं. उन पट्टाधारी जनजाति वर्ग के किसानों को प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना के अतंर्गत 10 एकड़ तक के कृषि धारक किसानों को 6000 रुपए के स्थान पर 12000 रुपये का अनुदान दिया जाए. अनुसूचित जनजाति वर्ग के पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित आय की सीमा ढाई लाख रुपए है, उसे अन्य वर्गों के छात्रों के समान बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित व्यक्तियों एवं आत्म समर्पण किये ग्रामीणों का सम्पूर्ण पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, जिसके अन्तर्गत उनके रोजगार, आवास, शिक्षा एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए.
बैठक में भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सचिव दीपक खांडेकर एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा भी उपस्थित थे.