अविनाश श्रीवास्तव, सासाराम। बिहार समेत पूरे देश में आज दशहरे की धूम है। सासाराम के डालमिया नगर में बंगाली क्लब द्वारा स्थापित दुर्गा पूजा के प्रतिमा विसर्जन से पहले बंगाली समुदाय की महिलाओं द्वारा ‘सिंदूर खेला’ का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाएं ढाकी के थाप पर नृत्य करते देखी गई तथा एक दूसरे को सिंदूर लगाया। सिंदूर सिर्फ एक दूसरे की मांग में ही नहीं लगाई, बल्कि एक दूसरे के गालों पर भी गुलाल की तरह सिंदूर लगाया गया।
इससे पहले बंगाली समुदाय की महिलाएं दुर्गा माता की प्रतिमा को सिंदूर लगाया। प्रतिमा को सिंदूर लगाने के उपरांत महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर ‘सिंदूर खेला’ का आयोजन किया। इस दौरान कई महिलाएं भावुक भी हो गई। इन लोगों ने बताया कि एक साल के इंतजार के बाद माता जब आती है, तो माहौल भक्तिपूर्ण हो जाता है। अब मां विदा हो रही है। ऐसे में माता को सिंदूर अर्पण कर वे लोग खुद सिंदूर खेला में शामिल होती हैं।
इस प्रकार ‘सिंदूर खेला’ के साथ ही मूर्ति का विसर्जन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यह कहे की माता एक बार फिर कैलाश की ओर रवाना हो जाती है। यह काफी प्राचीन परंपरा है और देश के जिस कोने में भी बंगाली समाज की महिलाएं रहती हैं, वह दुर्गा पूजा में सिंदूर खेला का आयोजन करती है।
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