शिखिल ब्यौहार, भोपाल। दशहरा के पावन पर्व पर भोपाल के आनंद नगर दशहरा मैदान में एक अविश्वसनीय चमत्कार देखने को मिला। भारी भीड़ के बीच रामलीला का समापन होते ही रावण का विशालकाय पुतला अचानक भस्म हो गया। राम आरती की अंतिम घंटी बजते ही रावण स्वयं जल उठा, जबकि उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतले अटल खड़े रह गए। आयोजकों और दर्शकों के बीच सनसनी फैल गई, और आग लगने का कारण अब तक अज्ञात बना हुआ है।
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आज विजयादशमी के दिन भोपाल में दशहरा उत्सव की धूम चारों ओर बिखरी हुई थी। आनंद नगर मैदान में स्थानीय रामलीला समिति द्वारा आयोजित भव्य रामलीला में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। राम के धनुष से मेघनाथ वध और रावण परास्त होने का दृश्य देखकर दर्शक वाह-वाह कर उठे। लेकिन असली आश्चर्य तब हुआ जब राम आरती का समापन हुआ।आरती की अंतिम पंक्ति ‘जय सियाराम’ गूंजते ही रावण के पुतले से अचानक धुआं उठने लगा। कुछ ही सेकंडों में आग की लपटें भड़क उठीं, और पुतला तेजी से जलकर राख हो गया। लेकिन चमत्कार यहीं नहीं रुका—कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले, जो रावण के ठीक बगल में खड़े थे, बिल्कुल अप्रभावित रहे। वे धुंधले धुएं के बीच भी सीधे खड़े दिखे, मानो कोई अलौकिक शक्ति उन्हें संरक्षित कर रही हो।
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