विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गतिशील नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने निरंतर प्रयासों और तंत्रगत सुधारों के माध्यम से राज्य में कानून-व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है. डेटा-आधारित मैक्रो और माइक्रो रणनीतियों, अपराध विश्लेषण डेटा एनालिटिक्स और अपराध के प्रकार और स्थान के अनुरूप पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल्स PRVs की तैनाती से चोरी, लूट और डकैती जैसी आपराधिक घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है.

ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं. जिससे निगरानी क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है. ऑपरेशन कन्विक्शन के माध्यम से पुलिस और अभियोजन विभाग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने पर जोर दिया गया है. जिससे अपराधियों में कानून का भय स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

इसे भी पढ़ें : दलित अपराध में UP नंबर-1ः NCRB 2023 की रिपोर्ट शेयर कर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा, बोले- एक होर्डिंग इस सच का भी लगना चाहिए

उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से किए गए इन सार्थक प्रयासों का परिणाम है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB की क्राइम इन इंडिया 2023 रिपोर्ट के अनुसार हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, फिरौती के लिए अपहरण, नकबजनी जैसे प्रमुख अपराधों सहित कुल भारतीय दंड संहिता (भा.दं.सं.) के अपराधों में उत्तर प्रदेश की अपराध दर, राष्ट्रीय औसत से काफी कम पाई गई है. यह सब उत्तर प्रदेश पुलिस की रणनीतिक कार्यप्रणाली,तकनीक आधारित दृष्टिकोण और शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है.