Sonam Wangchuk Wife Gitanjali Angmo Files Petition In Supreme Court: लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए पत्नी गीतांजलि अंगमो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। गीतांजलि ने हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। उन्होंने सोनम की तत्काल रिहाई की मांग की है। डॉ. अंगमो ने 2 अक्टूबर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। गीतांजलि अंगमो ने कहा कि एक हफ्ता हो गया, न पति की सेहत, न ही गिरफ्तारी की वजह पता चल रही है।

गीतांजलि आंग्मो का कहना है कि सोनम वांगचुक को हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाने की बात कही जा रही है। वहीं प्रशासन ने इससे जुड़ा डिटेंशन ऑर्डर उपलब्ध नहीं करवाया है। याचिका में कहा गया है कि सोनम लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उन पर गलत आरोप लगाए गए। अब उन्हें NSA के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाने की बात कही जा रही है।

बता दें कि वांगचुक फिलहाल जोधपुर की जेल में हैं, उन्हें 24 सितंबर को लेह हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा में 4 लोग मारे गए थे। सोनम के अलावा लेह की स्थानीय जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को 2 अक्टूबर को छोड़ दिया गया। इन पर गंभीर धाराएं नहीं थीं। 30 लोग अभी जेल में हैं।

वांगचुक की पत्नी बोलीं- एक हफ्ता बीता, डिटेंशन ऑर्डर कॉपी नहीं मिली

गीतांजलि ने X पर एक पोस्ट में लिखा- आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अंगमो ने वकील सर्वम ऋतम खरे के जरिए दायर याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है। साथ ही उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।

पीएम, प्रेसिडेंट और गृह मंत्री को लेटर लिख चुकीं अंगमो

अंगमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को लेटर लिखा था। जिसकी कॉपी उन्होंने X पर शेयर की। अंगमो का आरोप है कि वांगचुक को शांत कराने के लिए पिछले महीने से विच हंट शुरू किया गया है। अंगमो ने कहा कि वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र की तो बात ही छोड़ दें”।

वांगचुक पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क रखने, विदेशों से अवैध चंदा लेने समेत कई आरोप

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख के आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं। यह आंदोलन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा देने की मांग से जुड़ा है। छठी अनुसूची में शामिल होने से क्षेत्र को स्थानीय संसाधनों पर अधिक अधिकार, सांस्कृतिक संरक्षण और स्वायत्त परिषद जैसी संवैधानिक गारंटी मिलती हैं। धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल के जरिए चल रहे आंदोलन ने पिछले दिनों उग्र रूप ले लिया. इस दौरान पुलिस की गोली से 4 लोगों की मौत हो गई। लद्दाख प्रशासन ने सोनम पर विदेशी शक्तियों के लिए काम करने का आरोप लगाया। 26 सितंबर को उन्हें हिरासत में लिया गया। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क रखने, विदेशों से अवैध चंदा लेने समेत कई आरोप हैं।

लेह में 9 दिन बाद कर्फ्यू में ढील, स्कूल खुले

लेह में लद्दाख प्रशासन के कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद लोगों के रोजमर्रा के काम फिर से शुरू हो गए हैं। ढील के तहत दुकानों को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई। स्कूल कई दिनों के बंद रहने के बाद फिर से खुल गए हैं। लेह डीएम ने मिनी बसों और बाकी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी 9 दिनों के बाद फिर से शुरू करने की परमिशन दे दी है।

यह भी पढ़ेंः- ‘एक मूर्ख की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता…,’ किरेन रिजिजू का राहुल गांधी पर करारा वार, बोले- अब हर बिल पास कराएगी सरकार

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m