जगदलपुर। बस्तर दशहरे की सबसे अहम रस्म भीतर रैनी गुरुवार देर रात पूरी की गई. किलेपाल परगना के 32 गांवों के दो हजार से अधिक ग्रामीण आधी रात को राजमहल परिसर से विजय रथ चोरी कर कुम्हड़ाकोट के जंगलों में ले गए. इस दौरान आंगादेव समेत सैकड़ों देवी-देवताओं के विग्रह भी साथ रहे.
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परंपरा के तहत रथ की चोरी से पहले दंतेश्वरी मंदिर से सिरहासार भवन तक परिक्रमा कराई गई, जिसमें पुजारी देवी छत्र और खड्ग के साथ सवार रहे. ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के बीच रथ यात्रा निकली और मंदिर परिसर में पूजन के बाद भीतर रैनी विधान संपन्न हुआ. इस बार रथ की मरम्मत उमरगांव के ग्रामीणों ने की थी, क्योंकि फूल रथ परिक्रमा के दौरान एक्सल टूट गया था. परंपरा के अनुसार भीतर रैनी में रथ चोरी कर छिपाना बस्तर दशहरे का अहम विधान है.
बस्तर दशहरा में देवी-देवताओं का होगा रिकॉर्ड जमावड़ा
जगदलपुर। 75 दिन चलने वाले बस्तर दशहरे में इस बार रिकॉर्ड 1700 देवी-देवताओं के आने का अनुमान है. 20 साल पहले जहां महज 500 देवगुड़ियां पहुंचती थीं, वहीं 2024 में इनकी संख्या 1500 हो चुकी थी. इस बार अतिरिक्त 200 देवी-देवता शामिल हो रहे हैं.
राजस्व विभाग और दशहरा समिति का कहना है कि अब गांव की कुलदेवी और स्थानीय देवी-देवताओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है. खास बात यह है कि देवी-देवताओं और उनके पुजारियों के लिए सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध कराती है. दसरहा पसरा में कतार लगाकर देवगुड़ियां चावल, दाल, तेल, नमक और मिर्च लेती हैं. भंडारीन देवी की देखरेख में 30 साल से कोठी कभी खाली नहीं हुई. बड़े देवी-देवताओं को 10 किलो चावल तो छोटे देवी-देवताओं को 2 किलो चावल मिलता है. बस्तर दशहरे की यह अनूठी व्यवस्था दुनिया में अद्वितीय मानी जाती है.
सर्पदंश पीड़िता को ले जा रही एंबुलेंस नाले में फंसी
कोंडागांव। जिले के बयानार थाना क्षेत्र के केजंग गांव में सांप के डसने से एक महिला की जान पर बन आई. 35 वर्षीय घड़वे सोरी को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी बीच रास्ते नाले में वाहन फंस गया.
करीब एक घंटे तक एंबुलेंस फंसी रही और परिजन-ग्रामीण उसे निकालने की जद्दोजहद करते रहे. अंततः महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. घटना के बाद ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दुर्गम इलाके में सड़क और पुल-पुलियों के अभाव में हर आपातकालीन स्थिति में जान जोखिम पर रहती है. ग्रामीणों ने शासन से मांग की कि जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य प्राथमिकता पर हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. यह हादसा इलाके की बुनियादी सुविधाओं की पोल खोलता है.
शाह के दौरे से पहले नक्सलियों ने दो निर्दोषों की हत्या
सुकमा-बीजापुर। गृहमंत्री अमित शाह के 4 अक्टूबर के बस्तर दौरे से पहले नक्सलियों ने फिर से निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दहशत फैलाना शुरू किया है.
सुकमा जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र में 55 वर्षीय ख्वा सोना को घर से बुलाकर मार डाला गया. वहीं बीजापुर के उसूर थाना क्षेत्र में मड़कम भीमा को घर से निकालकर हत्या कर दी गई. पिछले एक महीने में माओवादियों ने पांच ग्रामीणों की जान ली है. सूत्रों के अनुसार, नक्सली बड़े हमले करने में असमर्थ हैं, इसलिए मुखबिरी का बहाना बनाकर निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. पिछली बार भी शाह के बस्तर दौरे से पहले ऐसी घटनाएं बढ़ी थीं. सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
दशहरे पर दुर्लभ होते जा रहे हैं नीलकंठ के दर्शन
जगदलपुर। दशहरे पर नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है, लेकिन अब यह परंपरा खत्म होती जा रही है. पहले लोग समूह बनाकर नीलकंठ दर्शन के लिए निकलते थे, लेकिन अब मुश्किल से यह पक्षी दिखाई देता है.
पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार खेतों में कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से कीट मर रहे हैं और इन्हें खाकर नीलकंठ भी कम हो रहे हैं. उनकी प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ा है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम ने रावण वध के बाद महादेव की पूजा की, तब शिव ने नीलकंठ रूप में दर्शन दिए. इसलिए दशहरे पर नीलकंठ देखना शिव का आशीर्वाद माना जाता है. ग्रामीण मानते हैं कि इस दर्शन से पाप का क्षय और भाग्योदय होता है. लेकिन अब बिजली तारों पर बैठे नीलकंठ दिखना दुर्लभ हो गया है.
बैंक खाता खोलने से इंकार पर करें सीधे कलेक्टर से शिकायत
सुकमा। कलेक्टर संबित मिश्रा ने बैठक में साफ कहा कि कोई भी बैंक आधार कार्ड या मोबाइल नंबर न होने की वजह से खाता खोलने से इंकार नहीं कर सकता. यदि ऐसा होता है तो नागरिक सीधे कलेक्टर से मिलें. उन्होंने लापरवाही बरतने वाले बैंकों को चेतावनी दी और कहा कि शासन की राशि उन्हीं बैंकों में रखी जाएगी जो योजनाओं में सहयोग करेंगे.
इस बीच सुकमा जिले के अंतिम छोर किस्टाराम में ग्रामीण बैंक की नई शाखा शुरू हुई है, जिससे 8 ग्राम पंचायतों के 42 गांवों को डिजिटल बैंकिंग और योजनाओं का लाभ मिलेगा. सांसद महेश कश्यप ने शाखा का निरीक्षण किया. ग्रामीणों ने कहा अब पास-पड़ोस के गांवों को भी बैंकिंग सुविधाएं आसानी से मिलेंगी.
80 साल से माता जी का वस्त्र को झांपी में लेकर पहुंचते है पुजारी
जगदलपुर। बस्तर दशहरे में दंतेवाड़ा से आने वाली मावली माता का स्वागत मावली परघाव रस्म के दौरान किया जाता है. इस बार भी मुंडागांव मंदिर के पुजारी सुखदेव ठाकुर अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ बांस से बनी 80 साल पुरानी झांपी में देवी के वस्त्र और श्रृंगार सामग्री लेकर जगदलपुर पहुंचे.
परंपरा है कि देवी-देवताओं की पूजन सामग्री इसी झांपी में रखी जाती है. अब झांपी बनाने का चलन लगभग खत्म हो गया है, इसलिए इसके नष्ट होने पर लोहे की संदूक का उपयोग करना पड़ता है. टेंपल कमेटी के अंतर्गत आने वाली मावली माता की यह परंपरा बस्तर दशहरे को अनूठा बनाती है.
नवंबर तक शुरू होगा डिमरापाल का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
जगदलपुर। डिमरापाल स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को नवंबर तक शुरू करने की तैयारी है. कॉन्टिनेंटल ग्रुप इसे आधुनिक तकनीक से चलाएगा.
हैदराबाद की तर्ज पर यहां एआई बेस्ड ट्रीटमेंट, अलग ब्लड बैंक, मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, किचन और लॉन्ड्री की सुविधा होगी. अस्पताल को इंटरनेशनल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, ताकि कैंसर और गंभीर बीमारियों का परामर्श व इलाज विशेषज्ञों से मिल सके. डायरेक्टर रघु एन रेड्डी ने बताया कि मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा. कार्डियो, न्यूरो, यूरो और गैस्ट्रो के विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त हो रहे हैं. 200 से ज्यादा पदों पर भर्ती चल रही है. यह अस्पताल बस्तरवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का नया आयाम होगा.
किसान के खाते से 2 हजार कटे, डिजिटल सिस्टम पर सवाल
बस्तर। जनपद पंचायत बस्तर के बड़े चकवा गांव के किसान जयमन कश्यप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से निकासी करने बैंक गए थे, लेकिन ‘‘आइआरआइएक्स’’ प्रणाली की गड़बड़ी से उनके खाते से 2 हजार रुपये अतिरिक्त कट गए. बैंक ऑपरेटर ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए शिकायत प्रक्रिया में 15 दिन लगने की बात कही.
किसान ने कलेक्टर जनदर्शन में गुहार लगाई. सर्व आदिवासी समाज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसानों की सुविधा के लिए बने डिजिटल सिस्टम से अगर ठगी होगी तो भरोसा टूटेगा. समाज ने दोषियों पर कार्रवाई और किसान की राशि तत्काल लौटाने की मांग की है. किसानों का कहना है कि योजनाओं का पैसा उनकी खेती और जीवनयापन का सहारा है, ऐसे में इस तरह की लापरवाही असहनीय है.
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