Sharad Purnima 2025: अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यह खास तिथि 6 अक्टूबर को पड़ रही है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है. यही कारण है कि इसे साल भर की 12 पूर्णिमाओं में सबसे अलौकिक पूर्णिमा माना जाता है. शरद पूर्णिमा पर एक ओर जहां धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है, वहीं दूसरी ओर श्री राधा-कृष्ण की पूजा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है. हालांकि, बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस दिन राधा रानी और श्रीकृष्ण की पूजा क्यों होती है.

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Sharad Purnima 2025
Sharad Purnima 2025

लक्ष्मी और राधा-कृष्ण की उपासना का महत्व (Sharad Purnima 2025)

शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का विधान है. साथ ही, राधा-कृष्ण की पूजा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है. माना जाता है कि इस रात उनकी आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम का वास होता है.

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शरद पूर्णिमा और महारास का गूढ़ संबंध (Sharad Purnima 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी रात भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में गोपियों संग महारास रचाया था. यह कोई साधारण नृत्य नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक था. इसी कारण इस तिथि को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

हर गोपी संग थे श्रीकृष्ण (Sharad Purnima 2025)

कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपनी योगमाया से हर गोपी संग एक-एक रूप धारण कर लिया था. प्रत्येक गोपी को लगा कि कृष्ण केवल उसके साथ हैं. यह घटना उनके अनन्य प्रेम और समर्पण का अद्भुत प्रतीक है. क्योंकि महारास राधा और गोपियों के साथ हुआ था, इसलिए इस दिन राधा-कृष्ण के युगल स्वरूप की पूजा का महत्व है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भक्तों को प्रेम में सफलता, वैवाहिक जीवन में मधुरता और आध्यात्मिक आनंद मिलता है.

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