Fish Benefits for Breastfeeding Mothers: मछली खाना बहुत ही हेल्दी और पौष्टिक माना जाता है. मछली खाने से शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं. पर क्या ब्रेस्टफीडिंग माताओं के लिए भी मछली खाना फायदेमंद होता है? अगर आपका भी यही सवाल है कि मछली खाना फायदेमंद है या नहीं, इसका सही जवाब आज हम आपको बता रहे हैं. यहां जानिए विस्तार से.
Also Read This: दुबई का मशहूर कुनाफा रोल अब घर पर बनाएं मिनटों में, स्वाद ऐसा कि बार-बार खाएंगे
मछली खाने के फायदे ब्रेस्टफीडिंग मां के लिए (Fish Benefits for Breastfeeding Mothers)
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स: यह बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट और आंखों की रोशनी के लिए जरूरी होते हैं. मां जो खाएगी, वह दूध के जरिए बच्चे तक जाएगा.
प्रोटीन और आयरन: मछली में भरपूर प्रोटीन होता है जो मां की रिकवरी में मदद करता है.
विटामिन D और B12: ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी हैं.
Also Read This: RO वॉटर से बाल धोना फायदेमंद या नुकसानदायक? जानें सच यहां
लेकिन ध्यान रखें कौन-सी मछली खानी है और कौन-सी नहीं (Fish Benefits for Breastfeeding Mothers)
कुछ मछलियों में पारा (Mercury) की मात्रा ज्यादा होती है, जो बच्चे के न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट को नुकसान पहुंचा सकती है.
खाने योग्य मछलियां (Low Mercury)
- रोहू, कटला, हिल्सा (भारतीय मीठे पानी की मछलियां)
- साल्मन (Salmon)
- सार्डिन (Sardines)
- छोटी और जल्दी पकने वाली मछलियां
बचें इनसे (High Mercury)
- शार्क (Shark)
- स्वोर्डफिश (Swordfish)
- किंग मैकरील (King Mackerel)
- टाइलफिश (Tilefish)
Also Read This: सुबह-सुबह नींबू पानी पीते हैं? सेहत बनेगी फिट लेकिन हो सकता है नुकसन, जानिए कैसे बचें
सावधानियां जो हर ब्रेस्टफीडिंग मां को रखनी चाहिए (Fish Benefits for Breastfeeding Mothers)
- सप्ताह में 2 बार से ज्यादा मछली न खाएं (करीब 250-300 ग्राम).
- ताजी और अच्छी तरह पकी हुई मछली ही खाएं. अधपकी या स्ट्रीट फूड से बचें.
- अगर आपको या बच्चे को एलर्जी के संकेत दिखें (जैसे चकत्ते, उल्टी, गैस, डायरिया), तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- नई चीजें धीरे-धीरे डाइट में शामिल करें और बच्चे की प्रतिक्रिया देखें.
घर के बुजुर्ग क्यों मना करते हैं? (Fish Benefits for Breastfeeding Mothers)
पुरानी मान्यताएं आमतौर पर अनुभव पर आधारित होती हैं, लेकिन उनमें वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होते. कई बार बुजुर्ग मछली को “गर्म तासीर” मानते हैं या यह सोचते हैं कि इससे बच्चे को गैस या खुजली हो सकती है. हालांकि, अगर सही मछली, सही मात्रा में और सही तरीके से खाई जाए, तो कोई नुकसान नहीं होता.
Also Read This: क्या चाय के बाद पानी पीना है हानिकारक? जानिए सच्चाई और हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें