UPSC CSE Prelims Answer Key: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (CSE Prelims) के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाएगी। इससे लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो लंबे समय से इस मांग को उठा रहे थे। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया कि परीक्षा के बाद न केवल आंसर-की उपलब्ध कराई जाएगी, बल्कि उम्मीदवारों को उस पर आपत्ति दर्ज कराने का अवसर भी दिया जाएगा। हालांकि, फाइनल आंसर-की हमेशा की तरह परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही जारी की जाएगी। अब तक आयोग केवल फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बाद ही प्रीलिम्स की आंसर-की सार्वजनिक करता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान UPSC ने अपने रुख में बदलाव करते हुए परीक्षार्थियों की इस पुरानी मांग को मान लिया है।

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न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने कहा है कि उसने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया और सोच-समझकर यह निर्णय लिया है कि प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाएगी। हलफनामे में आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि अभ्यर्थियों को आंसर-की पर आपत्ति दर्ज कराते समय प्रत्येक आपत्ति के साथ कम से कम तीन आधिकारिक/प्रामाणिक स्रोत प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इन आपत्तियों की समीक्षा संबंधित विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा की जाएगी। इसके बाद ही फाइनल आंसर-की तैयार होगी। यूपीएससी ने कहा कि प्रीलिम्स परीक्षा का परिणाम इसी फाइनल आंसर-की के आधार पर तैयार किया जाएगा। हालांकि, फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बाद ही इस फाइनल आंसर-की को सार्वजनिक किया जाएगा।

सिविल सेवा अभ्यर्थी वर्षों से यह शिकायत करते आ रहे थे कि प्रारंभिक परीक्षा में संभावित गलतियों को चुनौती देने का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। हर साल लगभग 5 लाख से ज्यादा उम्मीदवार यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में बैठते हैं, जिनमें से केवल 12 से 15 हजार उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा तक पहुंच पाते हैं। अब आयोग के इस नीतिगत बदलाव से अभ्यर्थियों की यह समस्या दूर हो जाएगी। प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद आंसर-की जारी होने और आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिलने से उम्मीदवार अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से समझ पाएंगे। वे यह भी जान सकेंगे कि चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ने की उनकी कितनी संभावना है।

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सुप्रीम कोर्ट में मामला

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने शीर्ष अदालत में लंबित एक रिट याचिका पर विचार करते हुए यह अहम निर्णय लिया है कि अब सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (CSE Prelims) की आंसर-की फाइनल रिजल्ट के बाद नहीं, बल्कि परीक्षा के तुरंत बाद जारी की जाएगी। इस रिट याचिका में मांग की गई थी कि आयोग आंसर-की को फाइनल रिजल्ट आने तक रोककर रखने की प्रथा खत्म करे, ताकि अभ्यर्थियों को पारदर्शिता और निष्पक्षता का लाभ मिल सके।

आयोग ने हलफनामे में कहा कि वह इस नए निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना उचित समझता है। साथ ही, उसने अदालत से अनुरोध किया है कि इस फैसले के आलोक में लंबित याचिकाओं का निपटारा किया जाए। आयोग ने इस दौरान निष्पक्षता, पारदर्शिता और व्यावहारिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की बात पर जोर दिया है।

UPSC करता आ रहा था विरोध

प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद आंसर-की जारी किए जाने की मांग का संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) लंबे समय से विरोध करता आ रहा था। आयोग का तर्क था कि इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और इसमें अनावश्यक देरी भी हो सकती है। मई माह में भी यूपीएससी ने इस विचार को प्रतिकूल बताते हुए स्पष्ट कहा था कि आंसर-की की समय से पहले घोषणा परीक्षा की निष्पक्षता और परिणामों की समयबद्धता पर असर डाल सकती है।

याचिका में तर्क

सिविल सेवा उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार दुबे द्वारा दायर याचिकाओं में इस बात पर जोर दिया गया कि लगभग हर राज्य लोक सेवा आयोग अपनी भर्ती परीक्षाओं में और आईआईटी व आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में एग्जाम के तुरंत बाद आंसर-की जारी करता है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आंसर-की का खुलासा न केवल अभ्यर्थियों के हित में है, बल्कि यह व्यापक जनता के हित में भी है। उनका कहना था कि सिविल सेवाएं देश की प्रशासनिक रीढ़ हैं, इसलिए चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिहीन होनी चाहिए।

क्या है UPSC सिविल सेवा परीक्षा

हर साल लाखों उम्मीदवार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बनने का सपना लेकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं। इस परीक्षा को देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में गिना जाता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS), इंडियन पुलिस सर्विस (IPS), इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS), रेलवे ग्रुप ए (जैसे इंडियन रेलवे अकाउंट्स सर्विस), इंडियन पोस्टल सर्विस, भारतीय डाक सेवा, इंडियन ट्रेड सर्विस सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए चयन किया जाता है।

यह परीक्षा तीन चरणों में होती है—

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)

मुख्य परीक्षा (Mains)

साक्षात्कार (Interview/Personality Test)

फाइनल मेरिट लिस्ट उम्मीदवारों के मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर तैयार की जाती है। यही सूची तय करती है कि किस उम्मीदवार को कौन-सी सेवा आवंटित होगी।

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