विक्रम मिश्र, लखनऊ. तीन महीने से वेतन न मिलने से नाराज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों सरकार के खिलाफ गुस्सा फुट गया है. बिना वेतन दशहरा गुजारने वाले इन कर्मियों ने अब दिवाली भी अधर में देख सरकार को 10 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है. चेतावनी दी गई है कि यदि मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो एंबुलेंस से लेकर जांच सेवाओं तक ठप हो जाएंगी.
उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देशों के बावजूद भुगतान प्रक्रिया में देरी ने शासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. करीब एक लाख से ज्यादा कर्मियों और 50 हजार एंबुलेंस स्टाफ का धैर्य अब जवाब देने लगा है. संयुक्त एनएचएम कर्मचारी संघ ने कहा कि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा. वहीं, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा ने आश्वासन दिया है कि कुछ जिलों में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में सभी को मानदेय मिल जाएगा.
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जानकारी के मुताबिक भारत सरकार की ओर से जुलाई 2023 में ही एनएचएम कर्मचारियों के वेतन भुगतान प्रक्रिया में बदलाव का निर्देश दिया गया. सभी के लिए सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) ईस्पर्श प्रणाली लागू करने की बात कही गई. जिसके तहत केंद्र से प्रायोजित सभी योजनाओं का फंड एक ऑनलाइन सिस्टम के जरिए जारी होगा. लेकिन विभागीय अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया. ऐसे में केंद्र ने इस प्रणाली में शामिल न होने की वजह से मानदेय का बजट रोक दिया.
मामले में स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने समय पर भुगतान नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने चार दिन पहले आदेश दिया था कि त्योहार पर एनएचएम कर्मियों को तत्काल मानदेय भुगतान किया जाए. इसके बाद भी मानदेय नहीं मिल पाया है. इस मामले में उन्होंने मिशन निदेशक से रिपोर्ट भी तलब की है. मानदेय भुगतान में देरी होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम भी पूछा है.
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