प्रवीण साहू, अभनपुर। प्रदेश में लगातार बारिश से गंगरेल बांध लबालब हो गया है. गंगरेल के 8 खोल खोलकर अचानक छोड़े गए पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. घुमा, पटेवा, ढुलना, कठोली सहित अन्य गांवों की लगभग 900 एकड़ धान की फसल पूरी तरह डूब गई है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. फसल डुबने से आक्रोशित किसाने ने चक्काजाम कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
किसानों ने नवापारा कुरूद मुख्य मार्ग पर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. चक्काजाम के चलते दोनों तरफ लगभग एक किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई. इस दौरान किसानों ने “आश्वासन नहीं, मुआवजा चाहिए”, “फसल का नुकसान सरकार भरे”, “किसानों का हक दिलाओ” के नारे लगाए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुरूद और नवापारा तहसीलदार मौके पर पहुंचे. पुलिस प्रशासन ने भी व्यवस्था संभाली और किसानों को समझाइश दी, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, उन्हें ठोस कार्यवाही और समयबद्ध मुआवजा चाहिए.


अधिकारियों से चर्चा के बाद शांत हुए किसान
किसानों ने कहा कि हमारी सालभर की मेहनत पानी में बह गई, अब परिवार का गुजारा मुश्किल हो जाएगा. 10 साल से सिर्फ भरोसा मिलता आ रहा है, इस बार बिना मुआवजा लिए हम चैन से नहीं बैठेंगे. घंटों चले आंदोलन के बाद रायपुर और धमतरी जिले के किसानों के प्रतिनिधि मंडल और अधिकारियों के बीच चर्चा हुई, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन खत्म किया.