Rajasthan News: राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल बाद बड़ी राहत मिली है। जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम्स ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ याचिका दायर की थी, जिस पर राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने फैसला सुनाया। आयोग ने लागत के दबाव के बावजूद टैरिफ को सरल कर उपभोक्ताओं को राहत देने पर जोर दिया। हालांकि, सुबह-शाम के पीक आवर्स में बिजली दरें बढ़ाई गई हैं, जिससे बिल पर असर पड़ सकता है।

नए टैरिफ के तहत 0-50 यूनिट खपत करने वालों के लिए दर 4.75 रुपये प्रति यूनिट अपरिवर्तित रखी गई है। 51-150 यूनिट खपत करने वालों को 50 पैसे और 150-300 यूनिट वालों को 35 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी गई है। पहली बार रेगुलेटरी सरचार्ज लागू किया गया है, जिससे बिजली बिल में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के तहत 1.04 करोड़ उपभोक्ताओं, जिनमें 62 लाख हर महीने 100 यूनिट तक खपत करते है तो उनका बिल शून्य रहेगा।

इन पर सरचार्ज का असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे राज्य सरकार वहन करेगी। राज्य में 1.35 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से अधिकांश को इस कटौती से फायदा मिलेगा। लेकिन पीक आवर्स में बढ़ी दरों और रेगुलेटरी सरचार्ज के कारण कुछ उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ सकता हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ सरलीकरण से पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन पीक आवर्स की महंगी बिजली उपभोक्ताओं के लिए चुनौती हो सकती है। सरकार ने दावा किया हैं कि यह बदलाव उपभोक्ता हित में है और निशुल्क बिजली योजना से लाखों परिवारों को राहत मिल रही है।

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