पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने शनिवार को सीनियर ऑब्जर्वर्स की सूची जारी की जिसमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। ये तीनों नेता बिहार में पार्टी के लिए चुनावी रणनीति और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।

सभी जिलों में तैनात होंगे पर्यवेक्षक

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि राज्य के सभी 41 जिलों में जिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई है। इन पर्यवेक्षकों में प्रदीप जैन आदित्य, अनिल चौधरी, अभिषेक दत्त, राम किशन ओझा, सत्यनारायण पटेल, चेतन चौहान, बी वी श्रीनिवास, विक्रांत भूरिया, अविनाश पांडेय, कमेश्वर पटेल, हरीश चौधरी, काजी निजामुद्दीन, अजय कुमार लल्लू, भक्त चरण दास, अजय राय, शुभांकर सरकार, बंटी पटेल, ईशा खान चौधरी और तनुज पुनिया जैसे नाम शामिल हैं। इन नेताओं को अपने-अपने जिलों में संगठन को मजबूत करने और बूथ स्तर तक सक्रियता बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है।

बीस साल, बीस सवाल

इसी कड़ी में कांग्रेस ने बिहार में एक नया चुनावी अभियान भी शुरू किया है। एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि बीस साल बीस सवाल अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनसे जुड़े अहम मुद्दों पर सवाल उठाएंगे। इस दौरान पार्टी सीधे तौर पर केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करेगी।

संगठन को चुनावी मोड में लाने की कवायद

कांग्रेस का मानना है कि सीनियर ऑब्जर्वर्स की निगरानी और जिला स्तर पर पर्यवेक्षकों की सक्रियता से संगठन को नई ऊर्जा मिलेगी। पार्टी चाहती है कि हर जिले में संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ जनता के मुद्दों पर आक्रामक तरीके से आवाज उठाई जाए। कांग्रेस का यह कदम इस बात का संकेत है कि आगामी चुनाव में पार्टी किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती। अनुभवी नेताओं के मार्गदर्शन और युवाओं की भागीदारी से कांग्रेस ने बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने की तैयारी तेज कर दी है।